जवाब देंगे बीएसएफ के ये जांबाज़ कमांडो. टेकनपुर में ट्रेनिंग लेते बीएसएफ कमांडो

ग्वालियर के टेकनपुर में कमांडो फैक्ट्री के नाम से जाना जाने वाला BSF की एकेडमी खास तरीके के उन कमांडोज को ट्रेंड करती है, जो पाकिस्तान की तरफ से होने वाली किसी भी चालबाजी को जवाब दे सकते हैं. यह कमांडो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान आर्मी की तमाम कोशिशों को ध्वस्त करने में सक्षम है. ये कमांडो पानी के रास्ते आने वाले आतंकवादियों को एम्फिबियन कमांडो के जरिए ढेर करेगी, तो चोर गली या फिर खतरनाक उबड़-खाबड़ रास्तों से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को स्नाइपर कमांडो के जरिए ढेर कर देगी.

बीएसएफ के ये जांबाज़ कमांडो, शार्प शूटिंग की ख़ास ट्रेनिंग के बाद नए तरीक़े से तैयार हो रहे हैं. ये सभी कमांडो LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान की चालबाजियों पर नजर रखेंगे. आतंकवादियों को सीमा में घुसते ही ढेर कर देंगे. ये कमांडो बीएसएफ के टेकनपुर अकादमी में तैयार हो रहे हैं.

पाक के sniping और उनके BAT एक्शन से निपटने में पूरी तरह ये कमांडो सक्षम हैं. आतंक के घुसपैठ वाले नदी-नालों पर हाईटेक नज़र रखेंगे. ट्रेनिंग के बाद जम्मू-कश्मीर के सभी नदी और नालों पर ये BSF के खास एम्फिबियन कमांडो तैनात होंगे

इस समय रिपोर्ट के मुताबिक 400 आतंकी पाकिस्तान के अलग-अलग लांचिंग कैंप पर मौजूद हैं. ये भारत में घुसने की फिराक में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की बैट और स्नाइपर बड़े हमले करने की फिराक में हैं. इसके साथ आईईडी प्लांट का खतरा बढ़ रहा है. पाकिस्तान के गोए, स्कर्दू, मुजफ्फराबाद, गढ़ी हबीबुल्लाह, ठंडी कस्सी इलाके के लांचिंग पैड से घुसपैठ के पिछले 20 दिन में 18 इंटरसेप्ट पकड़े गये हैं. रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी कश्मीर घाटी में हजीन से लेकर बांदीपूरा तक 23 फरवरी से 26 फरवरी के बीच अटैक करने की फ़िराक़ में हैं. रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कुपवाड़ा के कुंदर इलाके में भी आतंकी हमला कर सकते हैं. ये बड़े अटैक जैश के आतंकी प्लान कर रहे हैं. पिछले दिनों कश्मीर में सुरक्षाबलों पर कई हमले हुए हैं.

सूत्रों के मुताबिक स्नाइपर गन की और खरीद के लिए सुरक्षा एजेंसिया काम कर रही हैं. शूटिंग में ट्रेंड कमांडो का क्षमता और एक्यूरेसी का अंदाज़ा इसी लगाया जा सकता है कि ये जवान ‘एक गोली एक दुश्मन’ की तर्ज पर अपने दुश्मन पर वार करते हैं. जब यह कमांडो फायर करते हैं, तब आसपास ना तो दुश्मन टिकता है और ना ही दुश्मन को समर्थन देने वाले पाकिस्तान आर्मी और पाक रेंजर्स.

फायरिंग में महारथ हासिल

एक्स 95, इंसास रायफल, एलएमजी, बरेटा, स्नाइपर गन को जब ये फायर करते हैं तो इनके सामने कोई टिकता नहीं है. इन कमांडोज को सिर्फ हथियार चलाना ही नहीं सिखाया जाता है. पाकिस्तान के बॉर्डर एक्शन टीम के खतरे से निपटने के लिए जंगल वारफेयर और रिफ्लेक्स की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इस ट्रेनिंग में जिस तरह बैट सुबह-सुबह घात लगाकर हमले करते हैं उससे निपटने के ठीक वैसे ही गुर सिखाए जा रहे हैं.

रिफ्लेक्स एक्शन

सरहद पर कई जगह चट्टानें है तो कई जगह नदी और नाले. घुसपैठ करने के लिए ये रास्ता आतंकियों के लिए मुफ़ीद होता है. इसलिए रिवर क्रॉसिंग हो या फिर मगरमच्छ की तरह घात लगाकर अपने शिकार को पकड़ना, ये कमांडो खासकर तैयार किये गए हैं. इन कमांडो को एम्फिबियन कमांडो कहते हैं.

क्लोज बैटल और रूम इंटरवेंनशन की ट्रेनिंग

हाल के दिनों में श्रीनगर में हुए बीएसएफ कैंप के हमले के बाद रूम इंटरवेंशन और क्लोज बैटल कॉम्बैट की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि किसी भी हालत में आतंकियों को तबाह किया जा सके. इसमे स्पाइडर मैन की तरह कमांडो दीवार पर भी चढ़ सकता है. इसे चिमनी क्लाइंबिंग कहते हैं. बिना हाथ मैं कुछ बांधे ये कमांडो ऊपर चढ़कर पोजिशन लेते हैं. उसके बाद यह कमांडो शुरू करते हैं अपना खतरनाक ऑपरेशन. दरअसल ऑपरेशन ऑल आउट में इस समय ढाई सौ के आसपास आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने पिछले साल और इस साल अब तक मार गिराया है.  वैसे में आतंकी भी अब बौखलाए हुए हैं. पर BSF के जांबाज कमांडो इन बौखलाए हुए आतंकियों को जहन्नुम भेजने की पूरी तैयारी कर चुके हैं.