श्री पीयूष गोयल की बर्लिन, लिपजिग और म्यूनिख यात्रा की मुख्य विशेषताएं

केंद्रीय बिजली, कोयला, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने 29 मई, 2017 से 1 जून, 2017 के बीच बर्लिन, लिपजिग और म्यूनिख की यात्रा की। मंत्री ने यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय और बिजनेस बैठकें कीं।

 

यात्रा की शुरुआत जर्मन विकास एजेंसी जीआईजेड (गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल जुसामेनाबेट) के उपाध्यक्ष डॉ. क्रिस्टोफ बेयर के साथ बैठक से हुई।

 

श्री गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत ने हाइड्रो और परमाणु समेत अपनी हरित ऊर्जा क्षमता को 100 जीडब्ल्यू से अधिक बढ़ाया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत ने अपनी सौर ऊर्जा की क्षमता को वर्ष 2014 से पांच गुना अधिक बढ़ा दिया है। मंत्री महोदय ने जर्मन पक्ष को सूचित किया कि कैसे भारत ने किफायती नवीकरणीय ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए उसकी नीलामियों में सफलता प्राप्त की और जर्मनी, जो कि फीड इन टैरिफ (एफआईटी) से दूर हो रहा है, भी इसे अपना सकता है।

 

130 से अधिक देशों में जीआईजेड की वैश्विक उपस्थिति को देखते हुए, श्री गोयल ने ईईएसएल के साथ साझेदारी का प्रस्ताव रखा, जिससे भारत को अपने ऊर्जा दक्षता उत्पादों को दुनिया भर में वितरित करने में मदद मिलेगी। मंत्री महोदय ने दीर्घकालिक धन,  ग्रिड संतुलन, विद्युत वाहनों के विकास, ऑफ ग्रिड प्रणाली, हरित ऊर्जा कॉरिडॉर पर भी बात की।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र के विजन ‘मेक इन इंडिया मिटेलस्टांड (एमआईआईएम)’ के मद्देनजर श्री गोयल ने कुछ जर्मन कंपनियों से भेंट की और उनसे मेक इन इंडिया से जुड़ने व उसमें संभावनाएं तलाशने को लेकर विचार-विमर्श किया। बर्लिन और म्युनिख में आयोजित बैठकों के दौरान मंत्री महोदय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे जर्मन कंपनियां भारत में मेक इन इंडिया के तहत कम लागत पर अपना दुनिया भर के लिए उत्पाद बनाकर इस अवसर का लाभ उठा सकती हैं।

 

जर्मन और भारतीय कंपनियों के बीच संपर्क को बेहतर बनाने के उद्देश्य से श्री गोयल ने सिफारिश की कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) सचिवालय सीआईआई, फिक्की आदि के सहयोग से मासिक बैठक करे। इस बैठक में वित्तीय कंपनियों समेत जर्मन और भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं।

 

जर्मन पर्यावरण, प्राकृति संरक्षण, बीएमयूबी संघीय मंत्री डॉ. बारबरा हेंड्रिक्स और उनके अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक में श्री गोयल ने दोहराया कि कैसे भारत ने श्री मोदी के नेतृत्व में नवीकरणीय ऊर्जा को आस्था का विषय बना लिया है और वह पेरिस प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

 

बैठक में श्री गोयल ने डॉ. हेंड्रिक्स को बताया कि भारत पेस समझौते में सतत जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। दोनों मंत्रियों में इस बात पर सहमति बनी कि नवीकरणीय ऊर्जा को एक बोझ की तरह नहीं बल्कि हरित ग्रह के निर्माण के लिए संभावनाओं की तरह लिया जाए। श्री गोयल ने री-इनवेस्ट 2017 में भारत के साथ साझेदारी के लिए जर्मन पक्ष को आमंत्रित किया।