मेरी बातों को विशेष गौर कीजिएगा… चंद्रेश दुबे (युवा कांग्रेस नेता ,मुंबई)

आप ये पढ़ने के बाद अगर मुझे गलत साबित कर देंगे तो मैं खुले आम सार्वजनिक मंच से अपना खेद प्रकट कर दूँगा.मैं किसी की बुराई में ज़रा भी रूची नही रखता हूँ,आप सभी साथी मेरे द्वारा लिखी चांदिवली कांग्रेस संगठन की सच्चाई सुनियेगा। 1999 में कुर्ला विधानसभा से कांग्रेस संगठन की ओर से विधायक चुने जाने के बाद 2002-कुर्ला विधानसभा के महानगरपालिका के चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में कुल सीटो की संख्या 14 या 15 थी.मुझे ठीक से य़ाद नही है.मेरे हिसाब से 15 सीटो की संख्या थी। 2007-कुर्ला विधानसभा महानगरपालिका की इस विधानसभा में कुल सीटो की संख्या 14 या 15.। परिसीमन के बाद कुर्ला विधानसभा के कुछ विभाग अलग कर नए विधानसभा के नाम अस्तित्व में आए.1999 से 2014 तक महाराष्ट्र राज्य में कॉंग्रेस की सत्ता थी,तथा 2004 से 2014 तक केन्द्र में भी कांग्रेस संगठन की सरकार बनी थी। 012- चांदिवली विधानसभा महानगरपालिका की इस विधानसभा में कुल सीटो की संख्या 09.
2017- चांदिवली विधानसभा महानगरपालिका की इस विधानसभा में कुल सीटो की संख्या 09.
2002 व 2007 में महानगरपालिका में सीटों की संख्या को हम जोड़ने के उद्देश्य से मात्र 14 ही सीट मानते है.
2002-14 , 2007-14 , 2012-09 , 2017-09 __46
आप समझ रहे है कुछ…? 46 कांग्रेस जनो को इनके 1999 में विधानसभा जीतने के बाद लगभग दो दशक से भी ज्यादा समय के राजनीतिक जीवन काल में मुंबई की महानगरपालिका में कांग्रेस संगठन के वरिष्ठ व युवा कांग्रेस जनो को जनप्रतिनिधि बनने देने का अवसर मिला था, चलो मान लो 46 के 46 सदस्य ये कभी नही बना पाते कम से कम इसका आधा 23 हि बना देते चलो ये भी नही 15 सदस्य तो बनने ही चाहिए थे. 20 वर्षों से विधायक के साथ- साथ 13 वर्ष तक मंत्री जो ठहरे थे.किसी एक को भी कभी नगरसेवक न बन जाए न जाने कौन सा ऐसा मानसिक अवसाद रोग इनके ज़हन में था, अपने आगे किसी एक भी कांग्रेस संगठन के निष्ठावंत वरिष्ठ एवं युवा कांग्रेस जनो को कभी कहि से भी नगरसेवक बनने ही नही दिया गया. इस दो दशक से भी ज्यादा इनके कार्यकाल में एकाद दो जन जो नगरसेवक बने वे भी संगठन व अपनी-अपनी खुद की मेहनत से चुनकर आए. उन दो जनो को इनके व इनके पत्तलचाट गैंग के लोगो द्वारा लगातार प्रताड़ित करने के बाद एक कांग्रेस नगरसेवक रहे कांग्रेस जन ने पार्टी ही मजबुरी में छोड़ दी। अब आप सभी सोचिए 2002 से 2017 तक चार बार मुंबई की महानगरपालिका के चुनाव हुए उनमें से यहाँ पूर्व के कुर्ला व अभी के चांदिवली विधानसभा के 46 सीटों पर क्या कांग्रेस संगठन से वर्षो वर्षो से जुड़े रहे अलग-अलग सभी जाति,धर्म एवं संप्रदाय के लोगो को बारी-बारी प्रतिनिधित्व नही मिल सकता था, कम से कम 10 या 15 कांग्रेसजन अपने राजनीतिक जीवन में अभी तक नगरसेवक या पूर्व नगरसेवक कांग्रेस संगठन की ओर से होते.लेकिन संगठन के ईमानदार व निष्ठावंत लोगो को नगरसेवक जैसे पद पर अपनी स्वयम की मेहनत से बनाने व बनने देने के लिए उनके अंदर ईमानदार सोच की पवित्र इच्छा शक्ति चाहिए। जो वहाँ दुर-दुर तक नदारद है