मन्दाकिनी की आवाज का आठवाँ स्थापना दिवस कोरोना काल में “मन्दाकिनी की आवाज की भूमिका”

चन्दापुरी। मन्दाकिनी की आवाज सामुदायिक 90.8 एफ०एम० रेडियो केन्द्र सेना गडसारी द्वारा आठवाँ प्रसारण स्थापना दिवस (प्रसारण की सातवीं वर्षगॉठ ) मन्दाकिनी की आवाज के उपस्थित सदस्यों ने बड़े हर्षोल्लास से लाइव प्रसारण से श्रोताओं के साथ मनाया गया। स्थापना दिवस की थीम कोरोना काल में मन्दाकिनी की आवाज की भूमिका मुख्य विषय के रूप में रही।
दिन के कार्यक्रमों की शुरूआत हमेशा की ही तरह सुबह देव आराधना कार्यक्रम से हुई उसके बाद 2 घण्टे डाण्डियों मा घाम और फिर उमा नेगी जी द्वारा सुलोचना भटट जी, प्रियॉशु नेगी जी और हनुमन्त नेगी जी के साथ मन्दाकिनी की आवाज के कार्यक्रमों और कोरोना टीकाकरण सम्बन्धी विषय पर चर्चा की गई, उसके बाद मानवेन्द्र नेगी जी और पूनम रावत जी ने मन्दाकिनी की आवाज की पिछले एक साल के कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। उसके बाद कार्यक्रम का शुभारम्भ पण्डित गया दत्त नौटियाल जी द्वारा सरस्वती के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्ज्वलित कर मांगलिक वेद मंत्रों के साथ किया गया। तदुपरान्त मन्दाकिनी की आवाज द्वारा कोरोना संक्रमण काल में चलाये गये विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। जिसमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास एंव महिला सशक्तिकरण पर विशेष चर्चा परिचर्चा हुई।
श्री सुधीर बर्त्वाल जी की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया, श्री सुधीर बर्त्वाल जी, श्री मनोज बिष्ट जी, श्री अजय नौटियाल जी व श्री भानु प्रकाश भट्ट जी के द्वारा बहुत सुन्दर गढ़वाली कविताएंँ प्रस्तुत की गयीं।
कोरोना काल में रोजगार के क्षेत्र में श्री राजेन्द्र नेगी जी, श्री भानुप्रकाश भट्ट जी, श्री शिव सिह भण्डारी जी, श्री मनोज बिष्ट जी, श्री कुलदीप नेगी जी, श्री अनुसूइया प्रसाद मलासी जी के साथ श्रीमती उमा नेगी जी और श्रीमती पूनम बडियारी जी के द्वारा विस्तृत चर्चा की गयी।
कोरोना काल में स्वास्थ्य के परिप्रेक्ष्य में मन्दाकिनी की आवाज व हेल्पेज इण्डिया की भूमिका पर डॉ० रंग लाल यादव जी व डॉ० पंकज राठौर जी हेल्पेज इण्डिया, सुमन्त रावत जी रूमसी, राजवीर नेगी जी बुटोलगॉव के साथ श्री शिवानन्द नौटियाल जी, भागेश्वरी नेगी जी के द्वारा बहुत ही सार्थक चर्चा की गई।


कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा के प्रति मन्दाकिनी की आवाज, छात्र, अभिभावकों, शिक्षक शिक्षिकाओं आदि की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गयी। जिसमें श्री सुधीर बर्त्वाल जी शिक्षक, श्री शिव सिंह भण्डारी जी अवकाश प्राप्त शिक्षक, श्रीमती कुसुम भटट जी शिक्षिका, माधव सिंह नेगी जी शिक्षक, प्रियाँशु नेगी जी छात्र, अदिति रौथाण जी छात्रा, श्री भानु प्रकाश भट्ट जी पत्रकार एवं अभिभावक श्री राजेन्द्र सिह नेगी जी क्षेत्रीय रिपोर्टर मन्दाकिनी की आवाज, श्रीमती पूनम रावत जी और श्री देवी लाल भारती जी संवाददाता मन्दाकिनी की आवाज ने सवाल जवाब प्रस्तुत किये। सभी की यह राय बनी कि ऑनलाइन शिक्षण एक विकल्प तो हो सकता है लेकिन इससे शिक्षा के व्यापक उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकती है। यह केवल सूचना मात्र है, छात्र प्रियाँशु नेगी जी व छात्रा अदिति रौथाण जी का कहना है कि मुख अग्वाड़ी (ऑफ लाइन शिक्षण) की शिक्षा, पीठ पिछवाड़ी (ऑनलाइन शिक्षण) की शिक्षा से बेहतर है।ज्यादातर बच्चों ने केवल अपने साथ छल किया है, बहुत कम ऐसा देखने को मिला होगा कि बच्चों ने मन लगाकर कार्य किया हो इसके अलावा कोरोना काल में शिक्षा के क्षेत्र में हुये नये प्रयोगों के विषय में भी चर्चा की गयी। इस दौरान मन्दाकिनी की आवाज के माध्यम से बच्चों को जोड़े रखने के लिये प्रसारित कार्यक्रमों के विषय में भी चर्चा की गयी जिसमें श्री माधव सिंह नेगी जी के द्वारा सुबह सवेरे कार्यक्रम रूम टू रीड संस्था द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम कुछ किस्से कुछ कहानियाँ एवं मजेदार खेलों के विषय में भी चर्चा की गयी जो कि बच्चों के लिये काफी फायदेमन्द रहे।
शिक्षकों द्वारा कहा गया कि इस कोरोना काल ने शिक्षकों व छात्रों को सूचना, संचार, एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत कुछ सीखने के लिये प्रेरित किया है, व सिखाया है। श्री शिव सिंह भण्डारी जी द्वारा कहा गया कि कोरोनाकाल में बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिये मन्दाकिनी की आवाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सुबह सवेरे कार्यक्रम व रूम टू रीड द्वारा कहानियों का प्रसारण बच्चों के लिये काफी फलदायी रहा है। श्री राजेन्द्र सिह नेगी द्वारा कहा गया कि बच्चों के अन्दर डर भी होना बहुत जरूरी है। आज के बच्चे शिक्षकों से कम डरते हैं, माता पिता द्वारा बच्चों को सुसंस्कारित करना चाहिये।
श्री भानु प्रकाश भटट जी का कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति सरकारों को संवेदनशील रहना चाहिये ताकि पलायन से भी बचा जा सके।
अगले सत्र में श्री अजय नौटियाल जी बाल विकास विभाग रूद्रप्रयाग के द्वारा पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि से सम्बन्धित ऑगनबाड़ी केन्द्रों की भूमिका पर श्री मानवेन्द्र नेगी जी, श्रीमती पूनम बडियारी जी व श्री चरण सिह राणा जी, श्री सुमन्त सिह रावत जी, श्री विजयपाल सिह रावत जी के साथ सार्थक चर्चा की गई। अन्त में मन्दाकिनी की आवाज की समस्त टीम के द्वारा भजन कीर्तन संध्या के साथ ही कार्यक्रम का समापन किया गया।
इस स्थापना दिवस पर श्री अनुसुइया प्रसाद मलासी जी अमर उजाला, से, श्री सुमन्त रावत जी रूमसी से, श्री शिव सिह भण्डारी जी नैली से, श्री हनुमन्त नेगी जी और श्री कुलदीप सिंह नेगी जी भणज से, श्री विजयपाल सिंह रावत जी रूमसी से, श्री ज्ञान सिंह चौहान जी और श्री पुष्कर सिह नेगी जी मचकण्डी से, श्रीमती सुलोचना भट्ट जी चाका से, श्री राजवीर नेगी जी बुटोला गाँव से आदि भी जुड़े हुए थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री मानवेन्द्र नेगी जी, श्री शिवानन्द नौटियाल जी, श्री देवी लाल भारती जी, श्रीमती उमा नेगी जी, श्रीमती पूनम रावत जी, श्रीमती पूनम बडियारी जी, भागेश्वरी नेगी जी व समस्त मन्दाकिनी की आवाज परिवार के सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। इस सुअवसर पर लोक संस्कृति, साहित्य, संगीत, लोकभाषा, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण व संवर्द्धन आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये मन्दाकिनी की आवाज द्वारा सभी अतिथियों को मन्दाकिनी के सितारे सम्मान से सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम प्रसारण के दौरान देश के अलग-अलग स्थानों से श्रोताओं की प्रतिक्रियाएँ भी प्राप्त होती रहीं। बैंगलौर से सरीथा थॉमस जी ने शुभकामनाएंँ देते हुये कहा कि कोरोना काल को ध्यान में रखते हुये महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गयी। अतुल कुमार जी ने दिल्ली से अपनी प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि मन्दाकिनी की आवाज के लगभग 20 वर्षों के संघर्ष के फलस्वरूप आज 7वीं प्रसारण वर्षगांठ तक पहुंँची है। नारायण दत्त खाली जी ने कहा कि इन विषयों पर गम्भीर चर्चाएँ की गयी हैं। श्री नरेन्द्र सिंह भण्डारी जी पौड़ी गढ़वाल से बताते हैं कि मन्दाकिनी की आवाज की लोकप्रियता इसी बात से मालूम हो जाती है कि स्टेशन पर बात करने के लिये कम से कम आधा घण्टे तक कोशिश करनी पड़ती है, क्योंकि इस बीच अन्य कई श्रोता फोन लाइन पर बने होते हैं। राम सिंह पंवार जी ने गदनू सिल्ला से बताया कि मन्दाकिनी की आवाज के माध्यम से शानदार कार्यक्रम अपनी बोली भाषा में सुनने को मिलते हैं जितनी तारीफ की जाय कम है। कमल सिंह पंवार सिलगांँव से कहते हैं कि उनकी दिन की शुरूआत ही मन्दाकिनी की आवाज के कार्यक्रमों के साथ होती है। सीमा गुसाईं जी ने ग्राम छिनका से कहा कि उन्हें अपनी कलाकौशल प्रस्तुत करने के लिये मन्दाकिनी की आवाज एक शानदार मंच मिला है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास कार्यक्रम के साथ जुड़कर ’’बेटे का सम्मान है जग में बेटी का कोई मान नहीं’’ गीत गाकर अपने विचार व्यक्त किये। श्री देवेन्द्र सिंह रावत भणज से कहते हैं कि उनकी यही मनोकामना है कि मन्दाकिनी की आवाज सूचना जानकारी मनोरंजन एवं बोली भाषा को यों ही सतत रूप से बढ़ावा देते हुये कार्यशील रहे।
सफल आयोजन हेतु मन्दाकिनी की आवाज परिवार के सभी सदस्यों व श्रोतागण जो प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से इस कार्यक्रम से जुड़े हुये थे उन्हें हार्दिक बधाई एंव शुभकामनाएंँ।

रिपोर्ट – माधव सिंह नेगी
ग्राम – पैलिंग
ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग)