कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सेानिया गांधी के बेहद करीबी नेता अहमद पटेल का निधन होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है… पटेल एक माह से कोरोना पॉजिटिव थे… ये झटका ऐसे समय में लगा है जब पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है… ऐसे ही घमासान से पार्टी को निकालने के लिए अहमद पटेल हमेशा ही सक्रिय भूमिका में रहते थे… पटेल 2001 से सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे। वर्ष 2004 और 2009 में हुए चुनाव में पार्टी को मिली जीत का श्रेय भी पटेल को ही दिया जाता है… उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत गुजरात के भरूच में हुए नगरपालिका के चुनाव से 1976 में हुई थी… इसके बाद वो यहां की नगरपालिक के सभापति बने… बाद में उन्होंसने कांग्रेस का हाथ थामा और धीरे-धीरे उनके राजनीति को एक नया मुकाम मिलता चला गया… उनके राजनीतिक कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कांग्रेस में प्रवेश के 9 वर्ष बाद ही कांग्रेस ने उन्हेंा गुजरात के पार्टी अध्यसक्ष की जिम्मेेदारी सौंप दी थी… इंदिरा गांधी के शासन में लगे आपातकाल के बाद जब 1977 में दोबारा आम चुनाव हुए तो पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था… इसके बावजूद पटेल की राजनीतिक जमीन इस कदर मजबूत थी कि उन्हों ने इस चुनाव में जीत हासिल की और कांग्रेस के टिकट पर पहली बार लोकसभा पहुंच गए…