दिल्ली सरकार ने मजदुरो के लिए अहम फैसला

नई दिल्ली -मजदूरों को घर बैठे दिल्ली सरकार ऐसे दे रही है 2 हज़ार से लेकर दो लाख रुपये, लेकिन करना होगा यह एक काम
दिल्ली सरकार ने कहा है कि रजिस्टर्ड मजदूरों को दो हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक का लाभ दिया जाएगा. दिल्ली सरकार की इस स्कीम के तहत इन मजदूरों को उनके बुरे वक्त में मदद मिल सकेगी. इसमें उनके बच्चों की पढ़ाई से लेकर शादी करने तक का पैसा मिलेगा.मजदूरों को अब रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लेबर डिपॉर्टमेंट के चक्कर भी नहीं काटने की जरूरत होगी ।दिल्ली सरकार ने एक बार फिर मजदूरों के लिए बड़ी घोषणा की है. सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि रजिस्टर्ड मजदूरों को स्कीम के तहत 2 हज़ार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक का फायदा दिया जाएगा. बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनकी शादी करने तक को पैसा मिलेगा. मजदूर के बुरे वक्त में स्कीम के तहत मदद की जाएगी. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि स्कीम के तहत सिर्फ सिर पर ईट ढोने वाला ही मजदूर नहीं कहलाएगा, बल्कि 20 से ज़्यादा मजदूर वर्ग इसमे शामिल रहेंगे. वहीं मजदूरों को अब रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लेबर डिपॉर्टमेंट के चक्कर भी नहीं काटने होंगे. एक फोन कॉल पर सब घर बैठे हो जाएगा.
स्कीम की कैटेगिरी में यह कहलाएंगे मजदूर
दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि कानून के तहत कंस्ट्रक्शन लेबर की परिभाषा काफी बड़ी है. इसके तहत बेलदार, कुली, लेबर, राजमिस्त्री, मिस्त्री,  मसाला बनाने वाले मजदूर, कंक्रीट मिक्सर, टाइल्स एवं स्टोन फीटर, चूना पोताई सफेदी वाले, पेंटर, पीओपी मजदूर भी आते हैं. सिसोदिया ने बताया कि निर्माण स्थल पर कार्यरत चौकीदार, प्लंबर, कारपेंटर, बढ़ई, बिजली मिस्त्री, फिटरमैन, लोहार, माली, शटरिंग मिस्त्री और लेबर, पंप आपरेटर, बार बाइंडर, क्रेन आपरेटर आदि को भी कंस्ट सन मजदुर माना जायेगा