लॉकडाउन के बावजूद पिछले 36 दिनों में पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी पार्सल विशेष ट्रेनों के ज़रिये 19,600 टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

हितेन शुक्ला

वैश्विक कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने राष्ट्र और लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ, यह सुनिश्चित करते हुए बड़े पैमाने पर काम करना जारी रखा है, कि इस कठिन समय के दौरान देश भर में अत्यावश्यक वस्तुऍं उपलब्ध होती रहें।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 27 अप्रैल, 2020 तक,कुल 19600 टन वजन वाली विभिन्न अत्यावश्यक वस्तुओं का परिवहन, पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उपज, दवाऍंं, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से लगभग 6.18 करोड़ रुपये की आय हासिल हुई। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा सत्रह दूध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें 12 हज़ार टन से अधिक का भार था और 2.10 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व के साथ वैगनों का शत-प्रतिशत उपयोग हुआ।

इसी तरह, 100 कोविद -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनसे अर्जित आय 3.30 करोड़ रुपये रही। इनके अलावा, 1864 टन के 4 इंडेंटेड रेक भी 77.65 लाख रुपये से अधिक के राजस्व के लिए शत-प्रतिशत उपयोग के साथ चलाए गए। श्री भाकर ने बताया कि 28 अप्रैल, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से छ: पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें पोरबंदर – शालीमार, बांद्रा टर्मिनस – लुधियाना, ओखा – बांद्रा टर्मिनस, बांद्रा टर्मिनस – ओखा, भुज – दादर और पालनपुर – संकरेल गुड्स टर्मिनल पार्सल विशेष ट्रेनें शामिल हैं। इनके अलावा एक दूध की रेक पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई। उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे ने किसी भी पार्सल बुकिंग से सम्बंधित सहायता के लिए पश्चिम रेलवे के वाणिज्यिक कर्मचारियों द्वारा 24×7 संचालित एक समर्पित हेल्पलाइन नम्बर 9004490982 भी उपलब्ध कराया है। इसी क्रम में cmicccg@gmail.com के पते से एक ईमेल आईडी भी बनाई गई है। श्री भाकर ने बताया कि 22 मार्च से 27 अप्रैल, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 2437 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 5.29 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 5102 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के

साथ जोड़ा गया, जिनमें 2576 ट्रेनें सौंपी गईं और 2526 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकरों (आरएमटी) के 123 मिलेनियम पार्सल रेकों को आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया। मार्च, 2020 के महीने में पश्चिम रेलवे पर कुल घाटा 207.11 रुपये था और 27 अप्रैल, 2020 तक 397.44 रुपये का अनुमान लगाया गया है। इस प्रकार पश्चिम रेलवे पर कुल घाटा 604.55 करोड़ रुपये (उपनगरीय और गैर-उपनगरीय को मिलाकर) ऑंका गया है। इसके बावजूद, टिकटों के निरस्तीकरण के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे द्वारा अब तक 205.27 करोड़ रु. के रिफंड का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि इस रिफंड राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 100.02 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 32.40 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी वापसी राशि प्राप्त की है|