गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री और माननीय रेल एवं कोयला मंत्री द्वारा भारत के पहले राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान का राष्ट्र को लोकार्पण

हितेन शुक्ल, गुजरात
गुजरात राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री विजयभाई रूपाणी एवं भारत सरकार के माननीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल अन्य अतिथिगणों के साथ भारत के पहले राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान के राष्ट्र को लोकार्पण समारोह में दीप प्रज्जवलित करते हुए। दूसरे चित्र में श्री रूपाणी एवं श्री गोयल गुजरात प्रदेश में पिछले चार वर्षों के दौरान हुई रेल सम्बंधी प्रगति पर प्रकाशित बुकलेट का विमोचन करते हुए। इस अवसर पर अन्य अतिथिगण एवं पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए. के. गुप्ता भी दिखाई दे रहे हैं।
भारतीय रेल प्रणाली की उपलब्धियों की शृंखला में शनिवार, 15 दिसम्बर, 2018 को वडोदरा में आयोजित एक गौरवपूर्ण समारोह में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया, जब देश के पहले राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान का गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री  श्री विजयभाई रूपाणी और माननीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा वडोदरा की माननीय महापौर डॉ. जीगीषाबेन शेठ, माननीय सांसद श्रीमती रंजनबेन भट्ट और माननीय विधायक श्री योगेश पटेल की गरिमापूर्ण उपस्थिति में राष्ट्र को लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर एनआरटीआई के वाइस चांसलर और रेलवे बोर्ड के सदस्य कार्मिक श्री एस. एन. अग्रवाल ने अपने स्वागत उद्बोधन में इस संस्थान के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी तथा इससे पहले पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए. के. गुप्ता ने शॉल एवं श्रीफल भेंटकर सभी मेहमानों का स्वागत किया। भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी के महानिदेश श्री प्रदीप कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया। समारोह का संचालन पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी श्री गजानन महतपुरकर ने किया। इस अवसर पर गुजरात प्रदेश में पिछले चार वर्षों के दौरान हुई रेल सम्बंधी प्रगति को दर्शाने वाली पश्चिम रेलवे के जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित स्पेशल बुकलेट का विमोचन श्री रूपाणी एवं श्री गोयल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस समारोह में एनआरटीआई के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान (NRTI), भारत का पहला विश्वविद्यालय है, जो यातायात संबंधी शिक्षा, बहु-विषयों में रिसर्च एवं प्रशिक्षण प्रदान करती है। प्रथम रेल एवं परिवहन विश्वविद्यालय की स्थापना करने की संकल्पना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा तैयार की गई और इस संकल्पना को आगे बढ़ाने का कार्य माननीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा किया गया। 5 सितम्बर, 2018 को यह स्वप्न साकार हुआ जब राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान (एनआरटीआई) ने दो पूर्णत: आवासीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए भारत के 20 राज्यों से आये 103 विद्यार्थियों के पहले बैच के लिए अपने द्वार खोल दिये। यह संस्थान वडोदरा, गुजरात में भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी के अंदर 55 एकड़ के परिसर में फैला हुआ है। प्रारम्भिक श्रेणी के अंतर्गत एक मानक विश्वविद्यालय के रूप में एनआरटीआई की स्थापना विशेष रूप से रेलवे एवं परिवहन क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की टीम बनाने के लिए की गई है।
इन विद्यार्थियों को आईआईटी मद्रास, आईआईटी मुंबई, एक्सएलआरआई जमशेदपुर, यूनिवर्सिटी आफ कैलगेरी, कनाडा और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया यूएसए जैसे प्रमुख संस्थानों का गहन शैक्षणिक अनुभव रखने वाले उत्कृष्ट फैकेल्टी द्वारा पढ़ाया जा रहा है। एनआरटीआई बहु-विषयों में कार्यक्रम डिजाइन कर भारत के परिवहन क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करता है। यह संस्थान औद्योगिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। एनआरटीआई एक उच्च प्रायोगिक एवं विशिष्ट बहु-विषयक शैक्षणिक स्तर प्रदान करता है, जिसमें लाइव क्लास रूम तथा ऑनलाइन कार्यक्रम जैसी नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है एवं वैश्विक रूप से विख्यात उच्च गुणवत्ता के फैकल्टी द्वारा इसे संचालित किया जा रहा है। एनआरटीआई संपूर्ण विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के साथ वैश्विक एवं राष्ट्रीय भागीदारी विकसित करने में अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। इससे नवीनतम पाठ्यक्रम एवं प्रोग्राम डिजाइन तथा मुख्यतः परिवहन से संबंधित डोमेन ज्ञान, आविष्कार एवं रिसर्च डेवलपमेंट प्राप्त करने में सहूलियत होगी। यातायात प्रणाली के रिसर्च की प्राप्ति हेतु बहु-विषयक पद्धति अपनाई है। यह संस्थान विभिन्न पृष्ठभूमि से अकादमियों, वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों को साथ लाने तथा इसके अकादमिक और औद्योगिक साझेदारी एवं सहयोग का लाभ उठाने की योजना तैयार करता है। इस संस्थान के बारे में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कहा गया था कि वडोदरा शहर इस रेल विश्वविद्यालय के ज़रिये भारत में रेल के विकास में अहम भूमिका निभायेगा और परिवहन शिक्षा के क्षेत्र में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत पूरी दुनिया में नाम रोशन करेगा।