48 घंटे भी नहीं चला तोगड़िया का अनिश्चितकालीन उपवास

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार से जारी अपना अनशन दो दिन बाद गुरुवार को तोड़ दिया. इस मौक पर शिवसेना, विहिप और बजरंगदल के कार्यकर्ता मौजूद थे. बता दें, वीएचपी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद प्रवीण तोगड़िया राममंदिर निर्माण को लेकर माहौल बनाने की कोशिश में लगे थे. इसी के तहत तोगड़िया ने अहमदाबाद में राम मंदिर की मांग को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया था.उपवास के दौरान तोगड़ि‍या ने पीएम मोदी पर भी जमकर निशाना साधा था. उन्‍होंने कहा था, आपके (नरेंद्र मोदी) पास जो सत्ता है वो हिन्दुओं कि लाशों से मिली है. क्या आप भुल गए पुलिस कि गोली से 300 हिन्दुओं को मरवाया था?

तोगड़िया ने कहा कि आज भी गुजरात के 1200 से ज्यादा हिंदू आजीवन कारावास भुगत रहे हैं. सैकड़ों हिंदुओं की लाश और हजारों हिंदुओं का कारावास क्या आपको सत्ता में भेजने के लिए थी?

तोगड़िया ने कहा कि आज उनकी पत्नियां रो रही हैं. राम मंदिर बनाने के लिए लोगों ने अपनी जान दी और जेल गए हैं. तोगड़िया ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है अयोध्या में बाबरी मस्जि‍द बनाने के लिए आप प्रधानमंत्री बने हैं.

राम मंदिर पर मोदी सरकार से नाराज

दरअसल, 2017 में अध्यक्ष पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही प्रवीण तोगड़िया नाराज चल रहे हैं. इसी साल जनवरी में वो अहमदाबाद में बेहोशी की हालत में मिले थे, जिसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने रोते हुए खुद की जान को खतरा होने का आरोप लगाया था.

तोगड़िया लगातार राम मंदिर के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेर रहे हैं. तोगड़िया ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने संसद में बहुमत हासिल करने के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने के 1989 के अपने पालमपुर प्रस्ताव पर पलटी मार ली है. अब वीएचपी से बेदखल होने के बाद तोगड़िया हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान कर रहे हैं. वो संसद में कानून लाकर राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को एकजुट करने की बात कह रहे हैं.

तोगड़िया का आरोप है कि पिछले चार सालों में न तो कोई विकास हुआ और न ही सरकार ने राम मंदिर का निर्माण किया है. वो आरोप लगा रहे हैं कि सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है.ऐसे में मोदी सरकार के खिलाफ लंबे वक्त से विरोधी स्वर उगल रहे प्रवीण तोगड़िया विहिप का चुनाव गंवाने के बाद बीजेपी और मोदी सरकार के लिए संकट पैदा कर सकते हैं.

विहिप का 32 साल पुराना साथ छूटा

बता दें, प्रवीण तोगड़िया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बयानबाजी का हर्जाना अपने समर्थित उम्मीदवार की हार के रूप में भुगतना पड़ा था. वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में तोगड़िया गुट के राघव रेड्डी को शिकस्त मिली और विष्णु सदाशिवम् कोकजे वीएचपी के नए अध्यक्ष निर्वाचित हो गए. इसके साथ ही प्रवीण तोगड़िया का 32 साल पुराना विहिप का सफर समाप्त हो गया.