विकास कृष्ण सोफिया में गोल्ड जीतकर बने ‘बेस्ट बॉक्सर’

भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण को स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में दोहरी खुशी मिली. उन्होंने बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में न सिर्फ गोल्ड मेडल हासिल किया, बल्कि इस टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज भी चुने गए. 26 साल के विकास ने मिडिलवेट (75 किग्रा) फाइनल में अमेरिका के विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता ट्राय इसले को हराकर स्वर्ण पदक जीता.

पिछले साल अप्रैल- मई में एशियाई चैंपियनशिप के कांस्य पदक के बाद विकास का यह पहला पदक है. उनके लिए यह पदक काफी महत्वपूर्ण है. वह न केवल हाथ की चोट से जूझ रहे थे, बल्कि पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में वॉकओवर देने के कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी सामना कर रहे थे.

विकास ने पीटीआई से कहा, ‘यह मेरी बहुत अच्छी वापसी है और अब मैं खुद को बेहद मजबूत मुक्केबाज मानता हूं. अपने वजन वर्ग को एक निश्चित स्तर पर बनाए रखना अब पहले की तरह मेरे लिए समस्या नहीं है. मैंने अपनी तकनीक और दमखम में भी सुधार किया है,’

उन्होंने कहा, ‘‘हाथ की चोट भी पिछले कुछ समय से मुझे परेशान कर रही थी, लेकिन अब मेरी इसमें भी ग्रिप बन गई है. इसलिए चीजें बेहतर हो रही हैं. मैं कुछ अवसरों पर पहले दौर में बाहर हो गया था लेकिन अब यह मसला नहीं है.’

विकास के अलावा अमित फंगल (49 किग्रा) ने भी स्वर्ण पदक जीता. भारत ने टूर्नामेंट में कुल 11 पदक जीते. इनमें से पांच पदक पुरुष और छह पदक महिला मुक्केबाजों ने जीते. कुल मिलाकर भारतीय दल ने दो स्वर्ण, तीन रजत और छह कांस्य पदक हासिल किए.