जानें टैक्स के अलावा और कहां-कहां से कमाई करती है सरकार

आप अब तक यही समझते होंगे कि भारत सरकार भी दुनिया की बाकी सरकारों की तरह इनकम टैक्स, कॉर्पोरेशन और सर्विसेस के जरिये राजस्व वसूल करती है. लेकिन आपको बता दें कि इन रास्तों के अलावा भी सरकार के कमाई के और भी स्त्रोत हैं.बजट के दौरान सरकार रिसीप्ट बजट सदन में पेश करती है. इसमें सरकार के कमाई के स्त्रोतों का ब्योरा होता है. इसी के साथ साल की शुरुआत में सरकार कर से मिला कुल राजस्व (ग्रॉस टैक्स रेवेन्यु) का आकलन पेश करती है. यह आने वाले साल भर में सरकार की होने वाली कमाई का अनुमान होता है. वहीं, साल के अंत में संशोधित आकलन पेश होता है. इसमें सरकार आकलन के मुताबिक कितनी कमाई हुई इसकी जानकारी देती है. इसे आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि 2017-18 के शुरुआत में सरकार ने यह आकलन किया था कि कमाई 19 लाख करोड़ रुपये हो सकती है. अब उस साल सरकार इस आंकड़े को पार करती है या नहीं यह संशोधित आकलन से पता चलता है.बता दें कि कर से मिलने वाले कुल राजस्व में मुख्यतः कॉर्पोरेशन टैक्स होता है. इसमें इनकम टैक्स, कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी व सर्विस टैक्स शामिल होते हैं. लेकिन इस साल जीएसटी ने एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स की जगह ले ली है.टैक्स से होने वाली कमाई के अलावा सरकार रिसीप्ट के जरिये भी राजस्व वसूल करती है. जो पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज के डिविडेंड के रूप में होती है.इनके अलावा सरकारी बैंक, वित्तीय संस्थाएं और भारतीय रिज़र्व बैंक भी सरकार को डिविडेंड देती है. आपने अक्सर ख़बरों में सुना होगा कि जब सरकार वित्तीय संकट से जूझती है तब यही संस्थाएं हायर डिविडेंड के रूप में मदद करती है.इन स्त्रोतों के अलावा सरकार पब्लिक सेक्टर के विनिवेश के जरिये भी राजस्व हासिल करती है. 2008-09 के बाद इस साल सरकार ने सबसे अधिक 72,500 करोड़ रुपये के विनिवेश का अनुमान लगाया है.