संसद और राज्‍य विधानसभाओं में नियमित अवरोध चिंता का विषय है : उपराष्‍ट्रपति

भारत के उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू ने संसद और राज्‍य विधानसभाओं में नियमित अवरोध पर चिंता जताई है। उन्‍होंने सांसदों और विधायकों को सदन की कार्यवाही ठप करने की बजाय विषय पर चर्चा करने और उसके बाद फैसला करने का सुझाव दिया। श्री नायडू आज हैदराबाद में तेलंगाना सरकार द्वारा अपने स्‍वागत में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उपराष्‍ट्रपति ने पूर्व राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के डिस्‍कस, डिबेट और डिसाइड के सुझाव को याद किया। उन्‍होंने कहा कि चौथे डी यानि डिसरप्‍ट के लिए कहीं कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्‍होंने विधायकों से लोगों से लगातार मिलते रहने और देश के विकास को तेज करने के लिए प्रभावी कानून लाने का आह्वान किया।

श्री नायडू ने दो तेलुगु भाषी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को सलाह दिया कि वे आपस में मिलकर अपनी समस्‍याएं निपटाएं और तेलुगु भाषा के संवर्द्धन के लिए काम करें। उन्‍होंने दोनों मुख्‍यमंत्रियों से तेलुगु राज्‍यों के पुराने वैभव को फिर से हासिल करने का आग्रह किया।

हैदराबाद से अपने जुड़ाव को याद करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि वे पिछले 40 वर्षों से इस ऐतिहासिक शहर में रहे और यहीं उनका राजनीतिक जीवन फला-फूला। तेलंगाना की समृद्ध संस्‍कृति और इतिहास को श्रद्धांजलि देते हुए उन्‍होंने कहा कि यह भूमि संघर्षों और आंदोलनों के लिए जानी जाती है। स्‍वतंत्रता संग्राम के दौरान तेलंगाना के लोगों के योगदान की प्रशंसा करते हुए उन्‍होंने निजाम और रजाकरों से किए गए संघर्ष को याद किया।

तेलंगाना के व्‍यंजनों को याद करते हुए उन्‍होंने कहा कि हैदराबाद बिरयानी और हलीम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्‍होंने कहा कि सभी लोगों को महात्‍मा गांधी के रामराज्‍य की स्‍थापना के सपने को पूरा करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्‍होंने स्‍वराज को सुराज में बदलने पर जोर दिया।

इस मौके पर तेलंगाना के राज्‍यपाल श्री ईएसएल नरसिम्‍हन, मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्‍तात्रेय, उपमुख्‍यमंत्री श्री एम.डी. मोहम्‍मद अली, उपमुख्‍यमंत्री श्री कादियाम श्रीहरि सहित कई अन्‍य बड़ी हस्‍तियां मौजूद थी।