सरकार कृषि सुधार कानून पुनः लाने का कोई प्रस्ताव नहीं – नरेन्द्र सिंह तोमर

कांग्रेस भ्रम फैलाने की राजनीति से बाज आए:तोमर
विनोद कुमार सिंह
नई दिल्ली, 27दिसंबर 2021। देश की राजधानी दिल्ली के सर्द मौसम की फ़िजा में अचानक तब गर्मी की आहट आ गई,जब लम्बे अर्से चले किसान आन्दोलन से सम्बन्धित खबर को कई खबरियाँ चैनलों पर आन्दोलन से सम्बधित समाचार प्रसारित होने लगा।पुरा बाकिया था केंद्र सरकार के कबीना स्तर मंत्री उस बयान का ‘ जिसमें तीनों नये कृषक कानून से प्रधान मंत्री द्वारा वापसी की घोषणा व बाद संसद के शीतकालीन सत्र के द्वारा विधयको को बापस ले ली गई थी।कल अचानक कई चैनलो पर बेकिंग न्यूज के तौर पर जब इस प्रसारित किया गया हो,तो राजनीति के जानकारों विपक्ष के नेताओ की ओर मौके का फ़ायदा उठाते हुए बयान बाजी की बरसात होने लगी। काँग्रेश के नेता किसानोें के रहनुमा बनकर समाने आ गये।आनन फानन में राजनीति ब्यान आया है कि केन्द्र की सरकार किसान विरोधी है ! अभी प्रधान मंत्री के द्वारा तीनो नये कृषि कानुनों वापसी व संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विधयेक की वापसी राजनीति हथकंडा व किसान विरोधी है। कृषि कानून की वापसी अगले वर्ष होने वाले 5 राज्यो के विधान सभा चुनाव को देखते हुए किया गया है।केंद्र की भाजपा सरकार हमेशा ही किसान व विरोधी रही है। वे हमेशा ही पूंजीपतियो के लिए काम करती है!इस घटना पर त्वरित प्रक्रिया देते हुए केंद्र सरकार में कबीना स्तर के
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्पष्ट किया है कि कृषि सुधार कानून पुनः लाने का सरकार का कोई प्रस्ताव या विचार नहीं है।मंत्री महोदय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों का मान रखने के लिए कृषि सुधार कानून वापस लेने का निर्णय लिया है।
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने विगत साढ़े सात वर्षों में किसानों के कल्याण एवं कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। कृषकों की आय सशक्तिकरण के लिए 6 हजार रूपए वार्षिक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदान की जा रही है।प्राकृतिक आपदा से फसल को क्षति की स्थिति में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए बड़ा संबल बनकर उभरी है।एक लाख करोड़ रूपए के कृषि अवसंरचना कोष एवं 10 हजार कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना से कृषि क्षेत्र में बड़े नवाचार किए जा रहे है।केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट 2006 में आई थी लेकिन कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने इसे लागू करने की जगह दबाए रखा,प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसाओं को किसानों के हित में लागू करने का कार्य किया गया है।मंत्री जी ने कहा कि कांग्रेस अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए व्यर्थ के भ्रम फैलाने का लगातार प्रयास कर रही है,किसानों को इससे सावधान रहना चाहिए। केंद्र सरकार माननीय प्रधान मंत्री जी कुशल नेतृत्व में आत्म निर्भर / आत्म सम्मान कें सदैव प्रयत्नशील है।