कृषि कानूनों के विरोध में आज किसानों समेत विपक्ष ने किया ‘भारत बंद’ का आह्वान…

किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों के विरोध में आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है और देश के तमाम विपक्षी दलों ने इस बंद का समर्थन किया है… लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बरकरार रहे और कहीं भी हिंसा या उपद्रव ना हो इसके लिए सरकार ने भी कमर कस ली है। देशव्यापी बंद को देखते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। वहीं कर्मचारियों को कार्यस्‍थलों पर पहुंचने में किसी तरह कि कोई दिक्‍कत नहीं हो किसानों ने इसका भी ख्‍याल रखा है। आइए जानते हैं भारत बंद के चलते क्‍या आएंगी मुश्किलें और इसको लेकर कैसी है सरकार, किसानों और विपक्षी दलों की तैयारी… भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत बंद के तहत सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चक्काजाम किया जाएगा… कर्मचारी दफ्तर जा सकें और शाम को घर लौट सकें इसका विशेष ध्‍यान रखा गया है… क्‍योंकि आमतौर पर सुबह 11 बजे तक लोग दफ्तर जा रहे होते हैं और शाम तीन बजे से छुट्टी होनी शुरू हो जाती है… किसान नेता राकेश टिकैत ने दुकानदारों से गुजारिश की है कि वे लंच के बाद ही दुकानें खोलें… वहीं किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा है कि हमारा शांतिपूर्ण भारत बंद का आह्वान है… किसान भाई चार घंटों के संपूर्ण बंद में कोई हिंसा या जोर जबरदस्ती न करें… ‘भारत बंद’ के दौरान हिंसा नहीं हो इसे लेकर केंद्र सरकार सतर्क है… केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कहा है कि मंगलवार को ‘भारत बंद’ के दौरान सुरक्षा कड़ी करते हुए सभी जगह शांति सुनिश्चित की जाए…