भारत के मित्र राष्ट्र होने के बावजूद लॉकडाउन मे अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र आंचल के समय में भी भूटान में संपूर्ण सामान निर्यात किया गया

भारत भूटान सीमावर्ती क्षेत्र में आज लॉकडाउन के दौरान भी भूटान में निर्यात करने में भारत सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ा।  बताया जाता है कि भारत का परम मित्र राष्ट्र है भूटान जिसके बावजूद भारत सरकार ने भूटान को इस तरह से लॉक डाउन के दौरान भी भारत की ओर से संपूर्ण सामग्री निर्यात किया गया है।  आज पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश अनुरूप हफ्ता में 2 दिन बंद करने की वह लॉक डाउन करने की निर्देश जारी किया गया था।  उसी को चलते हुए आज अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र के जयगांव में पूर्ण रूप से दुकान पाठ एवं  वाहनों की चल पहल में पूर्ण रूप से पाबंदी दिखाई दिया। इसी दौरान देखा गया कि पश्चिम बंगाल सरकार के निर्देश अनुसार किसी भी लोगों ने मार्क्स नहीं प्रयोग में लाने से उनको जुर्माना भुगतना पड़ता है ।
  मगर आज लॉकडाउन के दौरान लोगों ने अपने अपने घरों में बैठने के बदले बहार में ज्यादा घूमने का पसंद करते हुए दिखाई दिया।  कोरोनावायरस से महामारी को बचने के लिए  सरकार द्वारा की गई निर्देश के अनुरूप मार्क्स पहनना अनिवार्य है परंतु लोगों ने उसको प्रयोग में लाने में असफल दिखाई दिया है।  पिछले कुछ दिन आ गए स्थानीय अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में कोरोनावायरस संक्रमण पीड़ित स्थानीय प्रगति टोल में से 1 लोग को पाया गया।  यह अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में कोरोनावायरस पॉजिटिव संक्रमण व्यक्ति को पाए जाने के उपरांत इस क्षेत्र में एक सनसनी फैली हुई है एवं उस इलाका को पूर्ण रूप से कंटेनमेंट जोन के रूप से घोषित किया गया है।  भारत के परम मित्र राष्ट्र भूटान पड़ोस में होने के कारण यह अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र से पिछले लॉकडाउन आरंभ होने के उपरांत से ही  भारत के विभिन्न प्रांतों से सामान निर्यात करने में भारत सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ा है।
  लोगों का कहना है कि भारत का मित्र राष्ट्र भूटान है जबकि भूटान को इस तरह से भारत सरकार ने उपयुक्त सामग्री निर्यात नहीं करने से भूटान कहीं चाइना के तरफ मुनाफे जिसके लिए भूटान को भारत सरकार ने इस लॉकडाउन के दौरान भी संपूर्ण सामग्री निर्यात  किए जाने की लोगों की एक आपसी चर्चा में खबर प्रकाश में आया है।  परंतु भारत एवं भूटान के परम मित्रता होने के बावजूद भारत सरकार ने भूटानी मुद्रा को भारतीय मुद्रा की तुलना में समाता पूर्वक देकर सीमावर्ती क्षेत्रों में  प्राचल में आता है।  भूटान सरकार के बैंक के एक अधिकारी ने बताया है कि अंतरराष्ट्रीयभूटानी मुद्रा का  कोई मान्यता नहीं है।  मगर भारत सरकार ने भूटानी मुद्रा को पूर्ण रूप से समानता देने के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में भूटानी मुद्रा द्वारा लेनदेन  होने की जानकारी दी है।  जिसके बावजूद भूटान में आवश्यक वस्तुओं को भूटानी नागरिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में से भूटानी मुद्रा के बावजूद खरीदारी करते आ रहे हैं।  परंतु पिछले 25 तारीख मार्च से आरंभ हुई लॉकडाउन के उपरांत आज तक अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र बंद है मगर इन दिनों भी भूटानी मुद्रा के द्वारा ही अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में व्यापार एवं वाणिज्य चलते आ रहा है।
इस पर यह सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो चुका है कि इस क्षेत्र में भूटान के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र पूर्ण रुप से बंद है एवं भूटानी मुद्रा क्षेत्र में किस तरह से यह प्रचलन हो रहे हैं एवं यह अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में भूटानी नागरिक का आगमन से बंद है तो यह भूटानी मुद्रा कहां से आ रहा है यह सबसे बड़ा सवाल हो चुका है।  अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान वंदे भारत मिशन के तहत बिहार राज्य के भूटान में काम करने आए हुए मजदूरों को करीबन 200 लोगों को वापसी किया गया।  इस दौरान  भूटान से आए हुए भारत के मजदूरों को पास भूटानी मुद्रा होने के कारण इस क्षेत्र में बटा द्वारा भूटानी मुद्रा के बदले भारतीय मुद्रा में परिवर्तन करने में  मजबूर हो गए हैं।  बताया जाता है कि वह भूटानी मुद्रा से भारतीय मुद्रा परिवर्तन करने में एक सौ रुपया का भूटानी मुद्रा अगर भारतीय मुद्रा एक सौ रुपया लेना है तो अलग से   5 रुपियाँ  लगता है।
इस तरह से भारतीय मुद्रा एवं भूटानी मुद्रा का इस लॉकडाउन के दौरान भी चल रहा है ।  आज की गई लॉकडाउन के दौरान  भारत सरकार ने भूटान को एक मित्र राष्ट्र के नाम पर संपूर्ण सामग्री निर्यात करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से आए वाहनों को भूटान प्रवेश करवा रहे थे एवं दूसरी गेटों से भूटान में से सामान पहुंचा कर आने वाले वाहनों को बहाल करने में दिया गया था।  देखा जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र बंद होने के उपरांत भी दोनों देश की आपसी संबंध में जमीनी स्तर में कुछ मतभेद आने की संकेत दिखाई देने लगी है।  जबकि भूटान के भूटान नंबर वाले वाहनों को उनके ही क्षेत्र गेलेफु भूटान ,सामची भूटान, सामडुरजोखर  भूटान के तरफ जाने के लिए भारतीय क्षेत्र से प्रयोग करते हुए भूटानी बहन का यातायात होता है।  परंतु यह कोरोनावायरस की महामारी के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती सील होने के बावजूद भी इस तरह से भूटानी वाहनों को भारत के रास्ता देकर उन तमाम क्षेत्र में जाने की छूट है।
  इसी के तहत उन भूटान के वाहनों को चला कर जाने वाले वाहन चालकों ने भारत के विभिन्न प्रांतों में उतर कर भारतीय लोगों के साथ में घुलमिल ना एवं उन तमाम सामग्री खरीद करना एक आम बात हो चुका है।  बताया जाता है कि भूटान में उन बाहर से भ्रमण करके आने वाले उन तमाम लोगों को  क्वॉरेंटाइन  रखने की कोई व्यवस्था नहीं है।  परंतु भारत से भूटान में जाने वाले भारतीय नागरिकों को पूर्ण रूप से बंद है तथा उन तमाम विभिन्न स्थानों से सामग्री पहुंचाने  भारतीय वाहन चालकों को जाने में कोई पाबंदी नहीं है।  बताया जाता है कि दोनों देश की आपसी मित्रता के संबंध में दोनों देश एक मित्र राष्ट्र के नाम से दुनिया जाने जाते हैं ।  परंतु इन दिनों अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती बंद होने के दौरान भी भारत ने भूटान को सहयोग पहुंचाने के लिए संपूर्ण सामग्री निर्यात करते आ रहे हैं अगर यह इस तरह से विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले वाहन चालकों के माध्यम से कोरोना पॉजिटिव क्षेत्र में पाए जाने से इसका जिम्मेदार कौन होगा यह सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो चुका है, जिस पर स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संबंध में दोनों देश के संबंधित विभागीय जिम आभारी होंगे इस पर अगर अमल नहीं लाया तो आने वाले दिनों में कोरोनावायरस की संक्रमण इस सीमावर्ती क्षेत्रों में जरूर बढ़ेगा.।
  जिस पर लगाम लगाने की स्थानीय लोगों की पिछले कई दिनों से मांग है।  इसी संबंध में अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र का कालचीनी ब्लॉक का खंड विकास अधिकारी  भूषण शेरपा ने आज उस कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए जाने को जायजा लेने के लिए आए थे।  इसी दौरान उन्होंने कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र है जिसके लिए स्थानीय लोगों की अपनी सूझबूझ की प्रमुखता माना गया है।  एवं अपना जीवन बचाने के लिए सामाजिक दूरी का प्रमुख रूप से पालन करना होगा एवं मार्क्सवादी प्रयोग करते हुए चहल-पहल करना होगा । उन्होंने कहा है कि स्थानीय लोगों का प्रमुख तक जिम्मेवारी बनती है कि अगर कोई भी व्यक्ति बाहर से कहीं अन्य स्थान से आते हैं तो उनका तुरंत सूचना स्थानीय संबंधित विभागीय को दिया जाए एवं उन लोगों से घुलमिल ना मिले जिसे कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने में एक प्रमुख उपाय  माना जाने की बात कही है।  दूसरी ओर स्थानीय वाहन चालक संगठन के सदस्यों ने आज संपूर्ण शहर को सैनिटाइज किया गया।  तथा अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में आज पिछले दिन पाए गए कोरोनावायरस को लेकर इस चित्र में एक सनसनी फैली हुई है।