भारत में कोरोना वायरस दिन प्रतिदिन अपनी जड़े मजबूत कर रहा है। हर दिन कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में उछाल आ रहा है। ऐसे में हम सबको इस बात पर ध्यान देना चाहिए की कैसे हम अपने आप को इस वायरस से बचा सकते हैं। लेकिन इसी बीच राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल की बेहद तारीफ हो रही है। यह मॉडल काफी सफल रहा जिसके चलते केंद्र सरकार भी भीलवाड़ा मॉडल को अपनाने की बात कर रही है। आइए जानते हैं क्या है भीलवाड़ा मॉडल.
भीलवाड़ा के बांगड़ निजी अस्पताल में कई डॉक्टरों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया ऐसे में उनके संक्रमण में आये सभी स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. जब यह बात स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पता चली तो वह हरकत में आ गए. इस स्तिथि में गहलोत सरकार ने भीलवाड़ा जिले में कर्फूय लगा दिए और बॉर्डर भी सील कर दिए.
इसके बाद डॉक्टरों के संपर्क में आये करीब 6 हज़ार लोगो की लिस्ट तैयार करके उन्हें ढून्ढ लिया गया और इन सभी लोगो को आइसोलेशन में रखा गया. इसमें समाज के सभी विभिन धर्मगुरु की सहायता ली गयी ताकि वह लोगो से घर में ही रहने के लिए अपील करें.
इसके बाद 16 हज़ार स्वास्थ्यकर्मी की टीम को भीलवाड़ा भेज दिया गया जहाँ घर-घर जाकर लोगो की स्क्रीनिंग का काम शुरू किया गया. सरकार द्वारा यह दावा किया गया की करीब 30 लाख लोगो की तीन बार स्क्रीनिंग कराई गयी.जिसके लिए 5 कंट्रोल रूम भी बनाये गए. इसके साथ ही 42 अस्पताल और होटल्स को क्वारेनटाइन सेंटर में तब्दील किया गया जहा करीब 1551 बेड की व्यवस्था की गयी. जिसके परिणामस्वरूप कई कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हुए.