दिल्ली हिंसाः दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी द्वारा पीड़ितों के लिए राहत कैंप ,लंगर लगाने व दवाईयां प्रदान करने का फैसला मानवता की सेवा के लिए हर संभव कदम उठायेंगेः मनजिंदर सिंह सिरसा

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के लिए राहत कैंप आयोजित करने व दवाईयां प्रदान करने का फैसला किया है।दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की आज एक आपातकाल मीटिंग में यह फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का उपदेश है कि ‘‘मानस की जात सबै ऐके पहचानबो’’ व हम उसी उपदेश के अनुसार मानवता की सेवा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी हिंस ग्रसित इलाकों में राहत कैंप लगायेगी। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में दाखिल घायल पुलिस मुलाज़िमों व अन्यों के परिवारों को लंगर भी प्रदान किया जायेगा। घायलों के परिवारों को लंगर भी प्रदान किया जायेगा। घायलों के परिवार चाहे हिन्दू हों या मुस्लिम हों सब की सेवा गुरु साहिब के आदेशानुसार की मानवता की सेवा के रूप में की जायेगी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी अपने सभी स्रोतों का इस्तेमाल इन राहत कैंपों, लंगर व दवाईयां आदि उपलब्ध करवाने में लगायेगी। क्योंकि 1984 के सिख कत्लेआम के दौरान स्वंय यह पीढ़ा हमने झेली है।श्री सिरसा ने कहा कि गुरु साहिब ने सारी मानवता को एक प्रमात्मा की संतान बताया है व हम लोगों में मध्यस्था कर संकट खत्म करने का प्रयास करेंगे। मैडीकल कैंपों में सभी जरूरतमंदों को दवाईयां प्रदान की जायेंगी। हमारी सोच है कि प्रमात्मा किसी को भी ऐसा दुख व पीढ़ा ना दे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के सभी प्रतिनिधि, सदस्य व स्टाफ इन राहत कैंपों व लंगरों में हिंसा व पीड़ित लोगों की सेवा करेंगे। यह देखकर बेहद दुख होता है कि हिंसा में वह भी पीढ़ा की शिकार हो रहे हैं जिनका कोई कसूर नहीं है।उन्होंने बताया कि इन राहत कैंपों के अलावा कमेटी द्वारा अलग-अलग गुरुद्वारा साहिबान में गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप , पोथियां व गुटके प्रदान करने के कैंप भी लगाये जायेंगे व गुरुद्वारा मजनू का टीला में विशेष कैंप लगाया जायेगा।

इस मीटिंग में अन्यों के अलावा महासचिव हरमीत सिंह कालका, लीगल सैल के चेयरमैन जगदीप सिंह काहलों, परमजीत सिंह चंडोक, हरविंदर सिंह के.पी, विक्रम सिंह , गुरमीत सिंह भाटिया, भूपिंदर सिंह भुल्लर के अलावा अन्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।