‘जीईएस 2019’ में भारत के सेवा क्षेत्र की विशेषताओं को दर्शाया जाएगा

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल आज शाम कर्नाटक के बेंगलुरू में ‘सेवाओं पर वैश्विक प्रदर्शनी (जीईएस) 2019’ का उद्घाटन करेंगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बी.एस. येदियुरप्पा भी उद्घाटन समारोह के दौरान उपस्थित रहेंगे।

यह जीईएस का पांचवां संस्‍करण है और यह 12 चैंपियन अथवा उत्‍कृष्‍ट सर्विस सेक्‍टरों का अन्वेषण कर वैश्विक क्षेत्र में भारतीय सेवाओं की हिस्‍सेदारी बढ़ाने की दिशा में एक उल्‍लेखनीय प्रयास है। इसमें 7‍4 देशों की सहभागिता होगी और इस दौरान सेक्‍टर विशेष से जुड़े ज्ञान सत्रों की मेजबानी की जाएगी। भारत रणनीतिक क्षेत्रों में निवेश और साझेदारियां आकर्षित करने को लेकर उत्‍सुक है। इन रणनीतिक क्षेत्रों में उड्डयन एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम, अवसंरचना, दूरसंचार परियोजनाएं, वित्तीय प्रबंधन एवं लेखांकन, कंटेंट, डिजाइन, मीडिया वितरण के साथ-साथ प्रकाशन कार्यों की आउटसोर्सिंग, बौद्धिक संपदा की प्रबंधन सेवाएं और प‍र्यावरणीय/सामाजिक प्रभाव आकलन शामिल हैं।

जीईएस 2019 का आयोजन 19,000 वर्गमीटर क्षेत्र में किया जा रहा है। 74 देशों के 400 विदेशी प्रतिनिधियों सहित 400 से अधिक प्रदर्शक एवं 3,000 से भी ज्‍यादा प्रतिनिधि जीईएस 2019 में शिरकत करेंगे। सेवा उद्योग से जुड़ी ऐसी अनेक भारतीय एवं विदेशी कारोबारी हस्तियां हैं जो तीन दिनों के दौरान पहले से तय 4370 से भी अधिक बी2बी बैठकों में भाग लेंगी। जीईएस 2019 में केन्‍द्र सरकार के 10 मंत्रालयों और चुनिंदा राज्‍य सरकारों की सहभागिता के अलावा सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्‍व होगा जो सेवा क्षेत्र में अपनी-अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करेंगे।

जीईएस के जरिए भारत सरकार उद्योग जगत और विश्‍व भर की सरकारों की सहभागिता बढ़ाने के साथ-साथ भारत एवं शेष दुनिया के बीच सेवाओं के व्‍यापार के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना चाहती है। वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्‍य विभाग ने सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से एक विशेष प्‍लेटफॉर्म सृजित किया है जो एक वार्षिक आयोजन है। जीईएस का उद्देश्‍य सभी हितधारकों के बीच बहुपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए रणनीतिक सहयोग बढ़ाना एवं सामंजस्‍य विकसित करना और सेवा निर्यात की संभावनाएं तलाशना और एफडीआई (प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश) का प्रवाह बढ़ाना है।

जीईएस 2019 के दौरान एसईपीसी ई-स्‍पोर्ट्स को भी बढ़ावा देना चाहती है। ई-स्‍पोर्ट्स उद्योग के तेजी से विकसित होने की आशा है। वर्ष 2017 के दौरान विश्‍व भर के ई-स्‍पोर्ट्स बाजार में 655 मिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्‍व सृजित हुआ। इस बाजार में वर्ष 2022 तक 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्‍व सृजित होने की आशा है। जीईएस 2019 के लिए भारत ने अनेक देशों के ई-स्‍पोर्ट्स संघों को आमंत्रित किया है। इंडो‍नेशिया, वियतनाम, नेपाल, श्रीलंका, जापान, मालदीव, सऊदी अरब, न्‍यूजीलैंड, ऑस्‍ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और कोरिया से प्रतिभागियों के आने की उम्‍मीद है।

सेवा क्षेत्र में और अधिक कं‍पनियों को आकर्षित करने के लिए भारत ने तीन श्रेणियों में अपनी ई-वीजा व्‍यवस्‍था को उदार बनाया है। इन श्रेणियों में ई-टूरिस्‍ट, ई-मेडिकल और ई-बिजनेस शामिल हैं जिसका उद्देश्‍य इन सेक्‍टरों को बढ़ावा देना है। चिकित्‍सा पर्यटकों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए सभी देशों के नागरिकों को अब पांच वर्षों की अवधि के लिए एकाधिक प्रवेश पर्यटक एवं बिजनेस वीजा उपलब्‍ध हैं।