मंत्रिमंडल ने भारत सरकार (कार्य संचालन) नियम, 1961 के नियम-12 के तहत अनुमोदित प्रस्ताव को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी,

संसद की अनुशंसा के आधार पर राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत उद्घोषणा जारी की तथा जम्मू और कश्मीर पुर्नगठन अधिनियम, 2019 को स्वीकृति दी। तदनुसार 31 अक्टूबर, 2019 को पूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य का पुर्नगठन केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तथा केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के रूप में किया गया है।

नए केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में करगिल और लेह, दो जिले होंगे। पूर्व राज्य जम्मू और कश्मीर का शेष भाग नए केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में आएगा।

1947 में, पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य में 14 जिले थे- कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पूंछ, मिरपुर, मुज्जफराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगिट, गिलगिट वजारत, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्र।

विभिन्न राज्य सरकारों ने जम्मू और कश्मीर के इन 14 जिलों का पुर्नगठन किया। 2019 में जिलों की संख्या 28 हो गई। नए जिलों के नाम हैं- कुपवाड़ा, बांदीपुर, गंदरबल, श्रीनगर, बडगाम, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्तवाड़, सांबा और करगिल।

करगिल जिले का गठन लेह और लद्दाख जिले से किया गया था। तदनुसार नए केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले को राष्ट्रपति द्वारा जारी जम्मू और कश्मीर पुर्नगठन (कठिनाई को समाप्त करना) द्वितीय आदेश, 2019 के तहत परिभाषित किया गया है कि इसमें 1947 के गिलगिट, गिलगिट वजारत, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्र जिलों के क्षेत्र शामिल होंगे, इसके अलावा इसमें 1947 के लेह और लद्दाख जिलों से करगिल जिले के निर्माण के पश्चात शेष क्षेत्र शामिल होंगे।