कला के माध्यम से दक्षिण कोरिया और भारत के संबंधों में इस स्वतंत्रता दिवस बड़ी मिठास

Swati Ranjan

नई दिल्ली अगस्त : कोरियन कल्चरल सेंटर ने नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट दिल्ली और डेगू आर्ट म्यूज़ियम साउथ कोरिया के सहयोग से कला प्रदर्शनी “वन शाइनी डे” का आयोजन किया। यह प्रदर्शनी 100 साल पहले,01 मार्च 1919 में कोरिया में स्वतंत्रा के लिए हुए आंदोलन की याद में रखी गयी है। इस प्रदर्शनी में कलाकारों ने अपनी कला द्वारा कोरिया में हुए स्वतन्त्रा आंदोलन, उस वक़्त समाज की स्तिथि और लोगो का दर्द दर्शाने की कोशिश की है| प्रदर्शनी में पेंटिंग, स्केच और कला प्रदर्शन आदि के माधयम से लोगों के अहिंसक स्वतंत्रता आंदोलनों को दिखाया। यह प्रदर्शनी 29 सितम्बर तक चलेगी| इस मौके की एक और खास बात यह भी रही की भारत और दक्षिण कोरिया का स्वतंत्रा दिवस भी एक ही दिन  मनाया जाता है|

कोरिया-भारत की दोस्ती को और गहरा करने के लिए अगले साल, गांधीजी की ”साल्ट मार्च” पर एनजीएमए की इन-हाउस क्यूरेटेड प्रदर्शनी, साउथ कोरिया के डेगू में डेगू आर्ट म्यूजियम में आयोजित की जाएगी।

यहाँ कोरियन कल्चरल सेंटर द्वारा ‘2ण्ड कोरिया – इंडिया फ्रेंडशिप कम्पटीशन’ के प्रतिभागियों द्वारा पेंटिंग्स की एक और प्रदर्शनी भी आयोजित है, जिसमे पूरे भारत से लगभग 30000 पेंटिग्स में से कुछ चयनीत पेंटिंग्स इस प्रदर्शनीमें शामिल किये गये, इन पेंटिग्स के जरिये भारत  और कोरिया की दोस्ती और समानताओं को दिखलाने की कोशिश की गयी है |

कोरिया गणराज्य के राजदूत महामहिम शिन बोंग-किल  ने कहा ” यह प्रदर्शनी दक्षिण कोरिया के दुःख और कष्टों को प्रस्तुत करती है, जब जापान ने कोरिया को अपना बंधी बनाया हुआ था , भारत का इतिहास भी कुछ ऐसी ही झलक दिखता है| मुझे उम्मीद है कि यहाँ मौजूद कलाकृतियाँ भारत और कोरिया के लोगों के आपसी रिश्तों को बढ़ावा देंगी ,”

नेशनल  गैलरी  ऑफ़  मॉडर्न  आर्ट के प्रबंध निदेशक अद्वैता गाडनायक ने कहा- “इस प्रदर्शनी को भारत और कोरिया के बीच के संबंधों को और ज़्यादा अच्छे एवं मजबूत करने के उद्देशय के साथ आयोजित किया गया है,आशा है की यह प्रदर्शनी दर्शकों को कला के माध्यम से कुछ ऐतिहासिक घटनाओं को देखने और जानने के लिए प्रेरित करेगी”।

कलाकार किम बोमिन की ‘द ट्रेन’ (2019) के काम में सियोल और प्योंगयांग, और अतीत और वर्तमान को जोड़ने वाली ट्रेन की कल्पना करता है|  कलाकार शॉन सुनग्युन की ‘हिस्ट्री ऑफ़ लाइफ’ सीरीज़ विदेशों में रहने वाले कोरियाई लोगों की सेल्फ-पोर्ट्रेट तस्वीरों और उनकी आवाज़ों को दर्शाती है।

स्वतंत्रा की लड़ाई में 1 मार्च साल 1919 को कोरिया का जापानी विरोधी स्वतंत्रा आंदोलन सबसे बड़ा कदम माना गया है। प्रदर्शनी का नाम ‘वन शाइनी डे’ यह दर्शाता है की 1 मार्च 1919 की ऐतिहासिक घटना अगले 100 वर्षों को सफल बनाए रखने के लिए एक शुरुआत थी ।

प्रदर्शनी में 12 कलाकारों ने हिस्सा लिया , जो की  क्वोन हयोँ , किम बोमिन , किम वो -जो , बै सुंगमि शॉन सुंघ्यूँ अहं यूं-में , अहं चांगहोंग , ली संघयूं , ली वोसुंग , जेओंग जाए -वैन एंड जो डोंग्व्हन + जो हेजूँ ऩ है।