मौलाना मोहम्मद जौहर विवि छात्रों के लिए शोध फैलोशिप वितरण का समारोह किया गया

मौलाना मोहम्मद जौहर विवि ने देश भर के छात्रों में से चुने गए छात्रों के लिए शोध फैलोशिप वितरण का समारोह किया गया । कार्यक्रम को संतोष की बौछारों से सराबोर कर दिया।रामपुर के बुद्धिजीवियों ने इस कार्यक्रम के बहाने अच्छी गंभीर बहस में शिरक़त की।समारोह में तमिलनाडु,तेलंगाना,गुजरात,बंगाल  उत्तरप्रदेश,असम,त्रिपुरा औरअन्य राज्यों के उत्साही नौजवानों को शोध के लिए प्रेरित किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्यातिथि श्री राजेश बादल , विशिष्ठ अतिथि श्री विपिन गौड़ रहे
दरअसल इन दिनों हिंदुस्तान में मौलिक शोध के लिए रचनात्मक वातावरण कम नज़र आता है । शौकिया शोध और अनुसंधान के लिए गुंजाइश कम नज़र आती है । यूजीसी ने कॉलेज के प्राध्यापकों की  पदोन्नति के लिए पीएचडी ज़रूरी कर दी है ।इसलिए ड्यूटी की तरह शोध करने वालों कीफसल कुकुरमुत्ते की तरह उग रही है।अनेक स्थानों पर  शोध करने वाले हायर किए जा रहे हैं – ऐसी खबरें हैं । उनकी फीस दे दें तो वो आपका शोध प्रबंध तैयार कर देते हैं । ऐसे में अगर नौजवान आपसे चुने हुए विषयों पर वास्तविक रिसर्च का वादा करें तो ज़ाहिर है अच्छा लगता है । श्री राजेश बादल जी ने विवि प्रबंधन से उत्कृष्ट मीडिया शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया ,जिसे चांसलर जनाब आज़म ख़ान ने सैद्धांतिक तौर पर मान  लिया । क़रीब पाँच सौ एकड़ में फैले इस विवि में अदभुत इमारतें हैं । एक इमारत राष्ट्रपति भवन के नक्शे पर है तो दूसरी संसद भवन जैसी तो तीसरी प्रधानमंत्री कार्यालय जैसी है । केवल पाँच – छह साल में इसने अपनी राष्ट्रीय पहचान  बनाई है । एक विशाल पुस्तकालय है जिसमें प्राचीन ग्रंथों की दुर्लभ पांडुलिपियां हैं ।श्री आज़म खान का दावा है कि इससे अच्छा डायलिसिस केंद्र भारत में दूसरा नही है