डाइबिटीज ठीक होने वाला रोग है – डाॅ. माइकल मोजली

नई दिल्ली – भारत को अपनी चपेट में लेने वाले सभी स्वास्थ्य समस्याओं में डाइबिटीज ( मधुमेह ) सबसे ऊपर है। हालिया अनुसंधान की रिपोर्टों के अनुसार वर्ष 2000 में डाइबिटीज की दर महिलाओं में 6.1 प्रतिशत और पुरुषों में 6.5 प्रतिशत थी, जबकि भारत में डाइबिटीज से पीड़ित लोगों की कुल संख्या 31.7 मिलियन है। अनुमान है कि वर्ष 2030 के आते-आते यह संख्या 100% वृद्धि के साथ 79.4 मिलियन हो जाएगी।

डाइबिटीज का हर रोगी इस रोग और संबंधित परेशानियों के नियंत्रण पर औसतन 25,000 रुपये सालाना खर्च करता है। कभी अनुवांशिक खराबी माना जाने वाला डाइबिटीज आज एक लाइफस्टाइल बीमारी बन गया है जो आँख और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है। चिकित्सीय अध्ययन के अनुसार इस अपरिवर्तनीय अवस्था में जीने के लिए आजीवन औषधि सेवन एकमात्र उपाय है। लेकिन एक व्यक्ति हैं जिन्होंने इसका खंडन किया है। मशहूर चिकित्सा पत्रकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डाॅ. माइकल मोजली का मानना है कि डाइबिटीज को बदला जा सकता है। शुरुआती चरण में इसका पता चलने पर इसे ठीक किया जा सकता है।

न्यूयाॅर्क टाइम्स के बेस्ट सेलिंग लेखक , सोनी बीबीसी अर्थ के वर्षगाँठ समारोह के अवसर पर पहली बार भारत आए डाॅ. माइकल मोजली ने कहा कि, ”डाइबिटीज की अवस्था बदली जा सकती है। वजन में सिलसिलेवार कमी और उचित आहार से ब्लड शुगर का स्तर नीचे आ जाता है। छः साल पहले जब मुझे टाइप 2 डाइबिटीज होने का पता चला, तब मैंने 5:2 आहार लेना और व्यायाम करना आरंभ किया। मैने अपना वजन 10 किलोग्राम कम किया जिससे मेरा ब्लड शुगर कम हो गया। उसके बाद से यह कम ही है। दस साल से अधिक समय से डाइबिटीज से पीड़ित लोगों को दवा की जरूरत होती है, लेकिन शुरुआत में इसका पता चल जाए तो मुख्य रूप से पेट, लिवर और पैंक्रीयाज (अग्नाशय) से चर्बी हटाने से काम चल जाता है। अगर आप उचित आहार के द्वारा अपने शरीर का वजन 10 प्रतिशत कम कर लें, तो ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं।

सामान्य लोगों के लिए 5:2 आहार बारी-बारी का आहार कहा जाता है जिसमें आप सप्ताह के 5 दिन भोजन करते हैं और बाकी के 2 दिन उपवास करते हैं।