तीन तलाक’ के बाद अब ‘हलाला’ की बारी

केंद्र सरकार मुस्लिम समुदाय में प्रचलित तीन तलाक को खत्म करने की कोशिशों में जुटी है, वहीं अब शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली हलाला प्रथा के खिलाफ सवाल उठाते हुए इसे खत्म किए जाने की मांग की है.

उन्होंने इस प्रथा के खिलाफ आवाज मुखर करते हुए कहा कि हलाला प्रथा का इस्तेमाल महिलाओं के शारीरिक शोषण के लिए किया जाता है.

कुरान और इस्लाम के मुताबिक हलाला उस महिला के साथ किया जाना चाहिए जिसे इस्लाम के हिसाब से तीन बार तलाक देकर अलग कर दिया गया हो और उससे फिर निकाह की मंशा ना हो, लेकिन लोग महज शारीरिक शोषण करने के लिए तलाक देते हैं और फिर हलाला में दूसरे के साथ निकाह करवा कर कुछ दिन बाद तलाक करवा खुद निकाह कर लेते हैं जो कि सरासर गलत है.

इस्लाम के मुताबिक जिससे तलाक की नीयत के साथ निकाह किया जाए वो निकाह ही हराम है. ऐसे में जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वो इस्लाम की अपनी सहूलियत के हिसाब से इस्तेमाल करते हैं.

इससे पहले अयोध्या मसले पर आपसी समाधान नहीं होने की सूरत में ‘ऑर्ट ऑफ लिविंग’ के प्रमुख श्री श्री रविशंकर ने भारत में सीरिया जैसे हालात पैदा होने की बात कही थी, जिस पर सैयद वसीम रिजवी ने जवाब दिया कि भारत में सीरिया जैसी स्थिति पैदा नहीं हो सकती, क्योंकि यहां के हिंदू और मुसलमान दोनों ही धर्मनिरपेक्ष हैं. सीरिया जैसी स्थिति यहां पैदा नहीं हो सकती. यहां हिंदू और मुसलमानों के बीच थोड़ी दरारें हैं, लेकिन अगर ये मामले जल्द नहीं सुधरे तो ये दरारें खाई भी बन सकती हैं.