53 प्रतिशत लोगों ने कहा कि काम के दबाव के कारण अपने परिवार से मिल नहीं पाते

द ग्रेट इंडियन फैमिली क्या आज भी हैं? क्या दादा-दादी, चाचा-चाची और भाई बहन आज भी त्योहारों या छुट्टियों में इकट्ठे होते हैं या फिर यह बीते समय की बातें हो गई हैं?

बेंगलरू – शहरी भारत के सबसे बड़े बिस्किट ब्रांड, ब्रिटानिया गुड डे, द ‘स्माईल’ कुकी ने इंडियन फैमिली सर्वे रिपोर्ट, 2018 कमीशन की, ताकि भारतीय परिवारों के बदलते व्यवहार को बेहतर रूप में समझा जा सके। ‘प्रतिदिन प्रसन्नता के प्रेरणाप्रद क्षणों’ का ब्रांड का उद्देष्य मुस्कुराहट बिखेरने में समाहित है और ब्रांड इस बारे में गहन जानकारी प्रदान कर रहा है कि भारतीय परिवारों को किसमें प्रसन्नता मिलती है और उनसे प्रसन्नता दूर क्यों हो रही है। इस अध्ययन से मिले अवलोकनों के द्वारा ब्रांड ने एक अद्वितीय और अपनी तरह का अलग अभियान, ‘द ग्रेट इंटरनेशनल होलिडे’ प्रमोशन पेश किया।

द ग्रेट इंटरनेशनल फैमिली होलिडे अभियान 60 परिवारों को अंर्तराश्ट्रीय स्थानों पर आॅल-एक्सपेंस पेड ट्रिप्स पर भेजेगा। इसके लिए आपको केवल गुड डे का पैक खरीदकर पैक के पीछे दिया गया लाॅट नंबर 7259188888 पर एसएमएस करना होगा। इसमें भाग्यषाली विजेता को अपने परिवार या दोस्तों में से 3 सदस्यों को छुट्टियों पर ले जाने का मौका मिलेगा। इससे भी अच्छी बात यह है विजेता नवंबर, 2018 तक अपनी सुविधा के अनुसार छुट्टियां चुन सकेंगे।

श्री अली हैरिस शेरे , वीपी- मार्केटिंग, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज़ लि. ने कहा, ‘‘भारत में परिवार सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, जो सदियों से चली आ रही है। हमारा समाज एक सूत्र में बुना हुआ सामूहिक समाज है, जिसमें विभिन्न पीढ़ियों में परिवार व संबंधियों के बीच प्रेम बनाए रखने पर बल दिया जाता है। परिवार की इकाई प्रसन्नता का बहुआयामी स्रोत है, जिससे व्यक्ति के जीवन में खुशी का समावेश हो जाता है। लेकिन आज के समय की मांग पारिवारिक संबंधों को कमजोर करती जा रही है। हमने विभिन्न षहरों में शोध करके परिवारों के बदलते व्यवहार के कारणों व प्रभावों को समझा और यह जानने की कोशिश की कि 30 प्रतिशत भारतीय घरों में खाया जाने वाला गुड डे किस प्रकार परिवारों को एकजुट करने और प्रसन्नता के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘यह सर्वे परिवारों को एकत्रित होने और अंतर्राश्ट्रीय होलिडे के माध्यम से एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताने में समर्थ बनाने की हमारी सोच प्रदर्शित करता है। इस अभियान को षुरु में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली और हमें विश्वास है कि हम इस अनूठे अभियान के द्वारा प्रसन्नता का प्रसार कर सकेंगे।’’

यह सर्वे छः मेट्रो शहरों- मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में 769 उत्तरदाताओं के बीच किया गया। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी 15 से 40 साल के महिला, पुरुष एनसीसीएस ए एवं बी थे।