अब नहीं मिलेगा शादी का प्रमाणपत्र,रात 9 बजे के बाद शादी गलत

फिजुलखर्ची रोकने और आम लोगों को शादी से होने वाली परेशानियों से निजात देने के लिए वक्फ बोर्ड ने शादी को रात 9 बजे से पहले खत्म करने का प्रस्ताव रखा है.

तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड ने सुधारवादी कदम उठाते हुए काजियों को निर्देश दिया है कि रात 9 बजे के बाद काजी शादी नहीं करा सकते. यह 1 फरवरी से लागू हो जाएगा. ऐसा देर रात होने वाली शादियों के कारण आम लोगों को हो रही दिक्कतों को खत्म करने के लिए किया गया है.

बोर्ड के मुखिया मोहम्मद सलीम ने कहा, “अगर कोई काजी पारंपरिक तरीके से रात 9 बजे के बाद शादी कराता है तो उसे नोटिस जारी किया जाएगा. इसके बाद बोर्ड उन्हें मैरिज बुकलेट या शादी का प्रमाणपत्र जारी नहीं करेगा.” साथ ही बोर्ड मुस्लिम समुदाय में जागरुकता अभियान चलाएगा, और वह मस्जिद के इमामों से कहेगा कि वे इस संबंध में लोगों को शिक्षित करें.

उन्होंने कहा, “इसके अलावा शादी के सारे कार्यक्रम आधी रात तक आयोजित कराए जा सकते हैं.”

हज हाउस में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की धार्मिक विद्धानों, धार्मिक स्कूलों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि देर रात होने वाली शादियों से आम लोगों को खासी दिक्कत होती है और इस संबंध में लोगों को जागरुक किया जाना चाहिए.

जामिया निजामिया के मुखिया मुफ्ती खलील अहमद ने कहा, “समुदाय की बेहतरी और गरीब परिवारों के लिए हमें इस तरह के अनावश्यक परंपराओं से निजात पाना चाहिए.”

तेलंगाना और ओडिशा के जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष हमीद मोहम्मद खान ने कहा कि बौद्धिक वर्ग से जुड़े लोगों ने माना कि शादी के कार्यक्रम को 3 बजे सुबह तक नहीं खींचा जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “मेहमानों को खाने (डिनर) के लिए इंतजार करना पड़ता है, एक तरह से उनका अपमान है. तेज संगीत और आतिशबाजी से फक्शन हॉल के आसपास रहने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.”

दूसरी तरफ एक अन्य इस्लामिक विद्वान ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास काजी के खिलाफ एक्शन लेने का कोई अधिकार नहीं है, बावजूद इसके हम फिजूलखर्ची को खत्म करने के फैसले का समर्थन करते हैं.

वक्फ बोर्ड का रात 9 बजे तक शादी का कार्यक्रम तय करने के प्रस्ताव पर लोगों की मिक्स प्रतिक्रिया रही है. कुछ लोग इसे अपने अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप मानते हैं जबकि कुछ कहते हैं कि इससे अनुशासन आएगा.

प्रस्ताव के विरोध में एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि इससे लोगों को खासी दिक्कत होगी. निजी ऑफिस 7 बजे बंद होता है और इसके बाद लोग घर जाते हैं, फिर वहां से शादी में भाग लेते हैं, ऐसे में उनके पास शादी समारोह में भाग लेने के लिए लगभग एक घंटा ही बचेगा. उन्हें इसके लिए काफी हड़बड़ी करनी पड़ेगी.