रंगमंच का एक महत्वपूर्ण लोक शैली है नौटंकी – अतुल रधुवंशी

विनोद तकिया वाला ‘ स्वतंत्र पत्रकार
नई दिल्ली। लुप्त होती लोक नाटय़ शैली ‘नौटंकी’ को फिर से एक बार पुर्नजीवित करने और उसे खोया हुआ सम्मान दिलाने के लिए ख्याति प्राप्त लोकनाटय़ निर्देशक एवं चिंतक अतुल यदुवंशी के निर्देशन में देश की राजधानी दिल्ली में तीन दिवसीय नौटंकी महोत्सव का आयोजन छह अक्टूबर से किया जाएगा, जिसमें तीन नाटकों मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘बुढ़ी काकी’, ‘बहुरूपिया’ एवं ‘दास्तान-ए-लैला मजनू’ का मंचन कमानी साभागार में किया जाएगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव का आयोजन प्रयागराज की नाटय़ संस्था ‘स्वर्ग रंगमंडल’ की ओर से ‘ग्रो फंड’ के सहयोग से किया जा रहा है। इस बात की जानकारी अतुल यदुवंशी ने आज यहां प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस काँफ्रेस में कही। इस मौके पर जानेमाने साहित्यकार व आलोचक डा. ज्योतिष जोशी और कवि एवं लेखक श्लेष गौतम आदि मौजूद थे।