गुरु शिष्य परम्परा की नींव रखता है रिदम युवा महोत्सव।

रिदम युवा महोत्सव दिल्ली आईआईसी और नोएडा नॉलेज पार्क में किया जा रहा है 26 जून से 3 जुलाई तक इसमें देश-विदेश से युवा भाग ले रहे है जो कि सिर्फ भारतीय संस्कृति को सीख रहे हैं कलाओं को सीख रहे हैं साथ ही साथ उसमें अपने भविष्य को चाहते हैं
कथक नृत्यांगना माया कुलश्रेष्ठ कहती है कि हमारी कोशिश है की युवा कलाकार भटके नही, इस महोत्सव मैं गुरु शिष्य परंपरा देखने को मिलती है, देश विदेश से युवा कलाकार गुरु के साथ या उनका आशीर्वाद लेकर कलाजगत के गुरुजन के समक्ष प्रस्तुति देते है, इससे उन्हें भविष्य में आने वाली संभावना जानने का मौका मिलता है, ऐसी कलाएं जो कि हमारी पहचान है हमारी भारतीय संस्कृति हमें एक सुंदर जीवन जीने की कला देती है आप किसी भी कला से जुड़े हो पर आजकल के इस माहौल में आपको कोई भी भारतीय कला से खुद को जोड़ना और अपने बच्चों को भी जोड़ना चाहिए भारतीय कलाएं सिर्फ मनोरंजन नहीं है वह योग है हमें जीवन के लिए आर्ट ऑफ लिविंग सिखाती हैं रिदम युवा महोत्सव जो कि दिल्ली और नोएडा में किया जा रहा है उसका उद्देश्य यही है कि युवाओं के अंदर छुपी हुई कला तक कलात्मक भविष्य और खुद के आत्मविश्वास को बढ़ाएं ।


संस्था के अध्यक्ष मनीष कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि हमारी संस्था विगत वर्षों में कई वर्कशॉप सेमिनार कला महोत्सव का आयोजन कर रही है रिदम युवा महोत्सव एक ऐसा प्लेटफार्म है जो कि इस चीज के साथ साथ टीवी शो है जिसमें अच्छे कलाकारों को स्टेज के साथ-साथ टीवी पर भी स्थान दिया जाएगा जैसे कि डीडी भारती, इन सिंक चैनल इत्यादि साथ ही साथ कोशिश की जाएगी कि जो युवा कलाकार देश विदेश से आ रहे हैं उनको आने वाले कला महोतसवो में स्थान दिया जायगा और उनकी कला को गुरुजनों के माध्यम से संवारा जाए आजकल के समय में इस तरह के कला महोत्सवो की जरूरत है क्योंकि भारत का युवा भटकता है अगर वह अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ नहीं है तो देश विदेश से भाग लेने वाले कलाकार काफी उत्साहित है l