फिल्ममेकर अली अकबर और शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यवक्ष सैयद वसीम रिजवी… ये दो बड़े नाम हैं जिन्होंूने पिछले 5 दिनों में इस्लााम से नाता तोड़ लिया… रिजवी ने चार दिन पहले हिंदू धर्म अपनाया और अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा… तो वहीं अब अकबर ने घोषणा की है कि वो और उनकी पत्नीय लुसीअम्मा इस्ला.म छोड़ हिंदू धर्म अपनाएंगे… रिजवी के कदम को लेकर जहां राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं, वहीं अकबर का फैसला भावनात्मजक ज्यािदा है… वह देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टािफ जनरल बिपिन रावत के खिलाफ टिप्पिणियों और प्रतिक्रियाओं से खफा हुए और उनका इस्ला म से मोहभंग हो गया… सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने जनरल रावत की मौत से जुड़ी खबरों पर हंसने वाले इमोजी से प्रतिक्रिया दी। मलयालम फिल्मेंस बनाने वाली अली अकबर ने कहा कि मुस्लिमों की तरफ से ऐसी हरकत का विरोध इस्लाम के सीनियर नेताओं और धर्मगुरुओं ने भी नहीं किया है। देश के बहादुर बेटे का ऐसा अपमान स्वीकार्य नहीं है। अकबर ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर कहा कि उनका धर्म से विश्वास उठ गया है… उन्होंने आगे कहा, ‘उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कई कार्रवाई की. इन पोस्ट को देखने के बावजूद, जिनमें बहादुर सैन्य अधिकारी और देश का अपमान किया गया, किसी भी शीर्ष मुस्लिम नेता ने प्रतिक्रिया नहीं दी. मैं ऐसे धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता… वहीं दूसरी तरफ अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले वसीम रिजवी ने 7 दिसंबर को गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर में धर्म परिवर्तन किया…