पश्चिम रेलवे पर विश्व पर्यावरण दिवस आयोजित ‘ईकोसिस्टम रेस्टोरेशन ‘ की थीम पर हुआ वेबिनार

हर साल 5 जून को प्रकृति की रक्षा के लिए उठाये गए सकारात्मक पर्यावरणीय क़दमों के जरिये वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस आयोजित जाता है। पश्चिम रेलवे में मुख्यालय और सभी छह मंडलों में इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस ‘पारिस्थितिकी तंत्र बहाली’ विषय पर मनाया गया। इस अवसर पर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल ने कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मुख्यालय भवन के लॉन में पौधारोपण किया।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार COVID-19 की मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए विश्व पर्यावरण दिवस को वेबिनार के माध्यम से डिजिटल रूप से मनाया गया, जिसकी अध्यक्षता महाप्रबंधक श्री कंसल ने की ।  इस वेबिनार में  वरिष्ठ अधिकारियों और मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियनों और संघों के प्रतिनिधियों  ने भाग लिया।  वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री आलोक कंसल ने रेलवे के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में पर्यावरण के संरक्षण और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के तरीके खोजने के लिए हर संभव कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।  इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के क्रम में श्री कंसल ने पानी का संरक्षण करने और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए एक अनूठी पहल ‘मिशन जीरो लीकेज’ की शुरुआत की। साथ ही उन्होंने पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की अपील की। श्री कंसल ने पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली और पर्यावरण के संरक्षण द्वारा धरती माता को बचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर स्वचालित कोच वाशिंग प्लांट, शून्य अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और मोशन सेंसर के साथ एकीकृत सौर लाइट जैसी कई पर्यावरण-अनुकूल पहलों का उद्घाटन किया और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, अहमदाबाद को आईजीबीसी द्वारा पदत्त गोल्ड ग्रीन बिल्डिंग स्टैंडर्ड सर्टिफिकेट समर्पित किया। इस अवसर श्री कंसल द्वारा “सर्टीफिकेशन्स ऑफ़ वर्क एरियाज टू  बूस्ट परफॉरमेंस” नामक एक ई-बुकलेट भी जारी की गई । प्रसिद्ध पर्यावरणविद और मिशन ग्रीन मुंबई के संस्थापक श्री सुभाजीत मुखर्जी ने पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली/वर्षा जल संरक्षण पर वेबिनार को संबोधित किया। उन्होंने जल संरक्षण पर अपने विचार प्रस्तुत किए और रेलवे ट्रैक आदि के किनारे भूमिगत गड्ढों और नलिकाओं का निर्माण करके गिरते भूजल स्तर को बहाल करने के लिए “कैच द रेन”  के विचार को प्रतिपादित किया।

श्री ठाकुर ने आगे बताया कि पश्चिम रेलवे की रेलवे इकाइयों में हरे – भरे पर्यावरण की भावना को प्रोत्साहित करने और इसे बढ़ावा देने के लिए, ग्रीन पैच और जल निकायों के विकास, जल संरक्षण और वृक्षारोपण और विद्युत ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली इकाइयों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसी तरह, कर्मचारियों के परिवारों के सदस्यों के लिए “वन बचाओ; रिवर्स क्लाइमेट चेंज; हमारी जैव-विविधता का संरक्षण; रिड्यूस, रियूज और रिसायकल” विषयों पर ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता का वर्रचुअली आयोजन किया गया। पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती तनुजा कंसल ने इस वर्चुअल फोरम के माध्यम से विजेताओं और सभी प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार प्रदान किए। श्रीमती कंसल ने प्रतापनगर रेलवे कॉलोनी, वडोदरा में हर्बल गार्डन का उद्घाटन भी किया।

श्री ठाकुर ने आगे बताया कि यात्रियों में जागरूकता पैदा करने के लिए यात्री उद्घोषणा प्रणाली पर पर्यावरण जागरुकता सम्बन्धी जिंगल बजाए जा रहे हैं। स्टेशनों और रेलवे परिसरों में डिजिटल स्क्रीन पर लघु वीडियो क्लिप, जागरूकता के लिए ई-पोस्टर और ई-बैनर प्रदर्शित किए गए हैं। साथ ही, इकोसिस्टम की बहाली का संदेश देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आकर्षक वेबकार्ड पोस्ट किए गए हैं।