दिल्ली में कोरोना केस के बढ़ते मामलों के कारण पाबंदियों में छूट मिलने के आसार नहीं

विनोद तकिया वाला

कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में सोमवार से कुछ जगहों पर कुछ छूट दिए जाने का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में किया था, लेकिन दिल्ली में कोरोना केसों के बढ़ते मामलों को देखने से साफ है कि राजधानी में पाबंदियों में छूट का फायदा मिलने के आसार नहीं हैं। दिल्ली से सटे एनसीआर के शहरों में भी ढील मिलने की गुंजाइश कम है। देश के जिन 300 जिलों में फिलहाल कोरोना का असर नहीं है, वहां जरूर कुछ कार्यों के लिए छूट मिलने की उम्मीद है। हालांकि किस इलाके में लॉकडाउन में रियायत दी जाए और किसमें नहीं, इसका फैसला केंद्र सरकार सोमवार तक करेगी।

राजधानी में कोरोना के नए हॉटस्पॉट लगातार सामने आ रहे हैं। शनिवार को ही 8 और नए कंटेनमेंट जोन जुड़ गए। इनकी वजह से दिल्ली के 11 में से 9 जिले रेड जोन में हैं। इसी आधार पर दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को राय दी है कि पाबंदियों में ढील न दी जाए। दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि वह केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का ही पालन करेगी। अगर केंद्र दिल्ली को कोई छूट नहीं देती तो उन निर्देशों को माना जाएगा। फिलहाल जरूरी है कि कहीं भीड़ जमा न होने दी जाए।

दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि अगर ढील नहीं मिलती तो मौजूदा स्थिति कायम रहेगी। न तो फ्लिपकार्ट, जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां आवश्यक वस्तुओं के अलावा कुछ सप्लाई कर पाएंगी और न ही प्लम्बर, एसी रिपेयरिंग मैकेनिक, इलेक्ट्रिशिन आदि को छूट मिलेगी। आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई होती रहेगी।

दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान चल रही पाबंदियों में 20 अप्रैल के बाद छूट दिए जाने की संभावना कम ही है। दरअसल दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में जो भी पाबंदियां लगी हैं, उन्हें जारी रखा जाएगा। दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि केंद्र सरकार की जो गाइडलाइंस हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लिया जाएगा।

दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए फाइल उपराज्यपाल को भेज दी है। उपराज्यपाल से फाइल क्लियर होने के बाद ही सरकार कुछ घोषणा करेगी कि 20 अप्रैल के बाद पाबंदियों में ढील दी जाए या नहीं। वैसे सरकार के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में कंटेनमेंTट जोन की संख्या हर दिन बढ़ रही है। रेड जोन और हाई रिस्क जोन में कोई ढील नहीं दी जा सकती है। दिल्ली में काफी एरिया अब हाई रिस्क जोन में हैं। ऐसे में पाबंदियां बरकरार रखी जानी चाहिए।

दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में जनसंख्या और सामने आ रहे मामलों को देखते हुए कहा जा सकता है कि दिल्ली में 20 अप्रैल के बाद रियायतें दिए जाने की संभावना कम ही है। लॉकडाउन में जो सिस्टम अभी तक चल रहा है, सरकार उसी को जारी रखने के पक्ष में है। अगर कुछ क्षेत्रो में औद्योगिक गतिविधियों को शुरू करने की संभावना होगी, तो उसके बारे में सरकार सभी पहलुओं पर गौर करने और समीक्षा करने के बाद ही कोई फैसला कर सकती है।