महामारी को परास्त करने हेतु डीआरडीओ अब एम्स के साथ

उत्कर्ष उपाध्याय

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस हर गुजरते वक्त अपना प्रभाव बढ़ाते जा रहा है और भारत में करुणा संक्रमित मरीजोंका आंकड़ा  नित-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड उछाल के साथ एक हजार मरीजों की वृद्धि के साथ अब भारत में कुल 7,529 कोरोना संक्रमित मरीज दर्ज किए जा चुके हैं और अब तक 242 लोगों की मृत्यु हो गई है ।

इस खतरे के चलते ही भारत के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में डीआरडीओ ने पर्सनल सैनिटाइजर यूनिट स्थापित की है, क्योंकि यह अभी एक परीक्षण मात्र है तो जब तक उसका पूर्णतः सकारात्मक परिणाम नहीं आ जाता तब तक इसे आधिकारिक रूप से उपयोग में नहीं लाया जाएगा ।
डीआरडीओ द्वारा इसको विकसित करना भारत की इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता भी है व पूरे शरीर को संक्रमण रहित करने की दृष्टि से इसे चेंबर रूपी स्वरुप में स्थापित किया है जो कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने में मददगार सिद्ध होगा ।

डीआरडीओ द्वारा जारी बयान में कहा गया कि- 'यह परीक्षण के आधार पर स्थापित किया गया है , हम देख रहे हैं कि यह कैसे काम कर रहा है और यदि यह सफल होता है तो आला संगठनों की मांग के अनुसार आधिकारिक रूप से इसे अमल में लाते हुए स्थापित कर दिया जाएगा ।

कैसे कार्य करता है :-डीआरडीओ द्वारा संचालित वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान ने पूरे शरीर को संक्रमण रहित करने के लिहाज से इसे निर्मित किया है और इसको पर्सनल सैनिटाइजर एन्क्लोजर नाम दिया गया है । इस तकनीक के माध्यम से इसमे एक बार में एक व्यक्ति को संक्रमित रहित करने के लिहाज से बनाया गया है व यह एक पोर्टेबल सिस्टम है जो सैनिटाइजर व साबुन-मशीन से इसका अनर्जित किया गया है और कार्यदक्षता से यह एक पैडल को चलाने के बाद उसका उपयोग किया जाता है और परिशोधन प्रारंभ हो जाता है.