केन्द्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी निर्भया मामले में आरोपी मुकेश की दया याचिका के राष्ट्रपति द्वारा खारिज किये जाने का स्वागत किया

नई दिल्ली, 18 जनवरी।  केन्द्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने आज निर्भया मामले के आरोपीयों में से एक आरोपी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द द्वारा खारिज किये जाने का स्वागत किया। दिल्ली भाजपा कार्यालय पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुये श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि जिस तरह केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति महोदय को तेजी से दया याचिका फैसले के लिए प्रेषित की और उस पर राष्ट्रपति महोदय ने अविलम्ब खारिज करने का जो फैसला लिया उससे देश की महिलाओं में न्याय के प्रति एक नयी उम्मीद जगी है। पत्रकारवार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सहृ-प्रमुख श्री संजय मयूख, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. मोनिका पंत एवं श्रीमती योगिता सिंह और मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।

श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि निर्भया को जो न्याय मिल रहा है उसमें उनकी मां श्रीमती आशा देवी के संघर्ष की बड़ी भूमिका है और हम उनके जज्बें को सलाम करते है।

श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि यह अत्यन्त दुखद है कि जहां सारा देश निर्भया को त्वरित न्याय के पक्ष में लामबन्द है तो गत पांच साल में अनेक बार निर्भया मामले में न्यायलयों में पाया गया कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने मामले में तालमटौल की।

उन्होनें कहा कि मैं एक महिला कार्यकर्ता के नाते आम आदमी पार्टी की सरकार की इस तालमटौल पर आक्रोश व्यक्त करती हुं  और देश के सभी नागरिकों को बताना चाहती हुं कि जेल विभाग दिल्ली सरकार के अन्तर्गत आता है और माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने जुलाई 2018 में निर्भया के आरोपियों की रिव्यू पीटिशन खारिज कर दी थी पर उसके बाद लम्बे समय तक जेल प्रशासन और फिर केजरीवाल सरकार खुद भी मामले को दबाये बैठे रहे। इसी तरह दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने अभी दो दिन पहले न्यायलय में मामले को व्यवस्थाओं का हवाला देकर लटकवाने का प्रयास किया।

श्रीमती स्मृति ईरानी ने पूछा दिल्ली व देश की जनता जानना चाहती है कि आखिर क्या कारण है कि निर्भया मामले में उसकी मां को न्याय से वंचित रखा गया। क्या कारण है कि आम आदमी पार्टी के वकिल ने कोर्ट में कहा कि वर्तमान में बलात्कारियों को सजा देने में देरी हो सकती है। क्या कारण है कि जिस जुआनिल पर आरोप लगा बलात्कार में सबसे अधिक बर्बरता करने का जिसने राष्ट्र के सम्मूख अपना अपराध कबूल किया कि वो इस जघन्य अपराध में संलिप्त था। उसकी रिहाई पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने उसे 10 हजार रूपये दिये। उन्होनें कहा कि मैं आम आदमी पार्टी की सरकार से कहना चाहती हुं कि जुलाई 2018 के रिव्यू पीटिशन न्यायलय द्वारा खारिज किये जाने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार की वजह से निर्भया के गुनहगारों को तय समय पर फांसी नहीं हो पाई। ऐसी पार्टी पर धिक्कार है यह मेरा मानना नहीं है हिन्दूस्तान के हर न्याय प्रेमी का मानना है।