एआईसीसी संचार मंत्री श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज एआईसीसी हेडक्वार्टर में मीडिया को संबोधित किया।

श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल वालों की ये दिल्ली दो झगड़ालू व्यक्तियों के झगड़े में देश के सबसे पिछले पायदान की ओर सरक  गई है। 5 वर्ष आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने, 5 वर्ष अरविंद केजरीवाल जी और नरेन्द्र मोदी जी ने एक दूसरे पर इल्जामों की और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में निकाल दिए, समय नष्ट कर दिया। एक दूसरे से गाली-गलौच में केजरीवाल जी ने और नरेन्द्र मोदी जी ने, आम आदमी पार्टी ने और भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली का ये सुनहरा अवसर गंवा दिया।
केन्द्र की सरकार दिल्ली की हर सुविधा का गला घोंटने पर उतारु है। अरविंद केजरीवाल जी बजाए दिल्ली की प्रगति का काम करने के केवल भारतीय जनता पार्टी पर आरोप मढ़ अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। अगर कोई उदाहरण दिल्ली में विकास और तरक्की का देखना है, ना भूतो, ना भविष्य, तो वो 15 साल का कांग्रेस का शासन था, जब स्वर्गीय शीला दीक्षित जी, दिल्ली की मुख्यमंत्री थी, हमने उस समय भी ये साबित कर दिखाया, जब 5 वर्ष केन्द्र में भाजपा का शासन था और वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे, तो दिल्ली की प्रगति को कांग्रेस और
शीला दीक्षित जी ने कभी रुकने नहीं दिया। कांग्रेस ने कभी इल्जामात और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर दिल्ली के विकास के पहिए को रुकने नहीं दिया।
ये उदाहरण था विकास और प्रगति का। 10 साल जब यूपीए सरकार दिल्ली और केन्द्र में थी, दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, तो वो प्रगति कई गुना बढ़ी। वो लोग जो आज प्रश्नचिन्ह उठाते हैं कांग्रेस की भूमिका पर, मैं आज इस पत्रकार वार्ता के माध्यम से उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि पिछले 5 वर्षों में कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ा है और दूसरे राजनीतिक दलों का दिल्ली में ग्राफ घटा है।
2015 की एसेंबली में हमारा वोट शेयर था 9.6 प्रतिशत।
2017 में दिल्ली के कॉर्पोरेशन के चुनाव हुए, हमारा वोट शेयर बढ़कर हो गया साढ़े 21 प्रतिशत।2019 की लोकसभा जो हुई, हाल में ही, उसमें हमारा वोट शेयर बढ़कर हो गया, 22.6 प्रतिशत। तो ये दिखाता है और दो उप चुनाव दिल्ली में हुए, एक राजौरी गार्डन और एक बवाना में, 2017 में। राजौरी गार्डन में हमारा वोट शेयर था 33 प्रतिशत और बवाना में था 28 प्रतिशत। तो ये दिखाता है कि दिल्ली के लोग, दिल्ली के दिलवाले, दिल्ली के तरक्की पसंद एक करोड़ 46 लाख मतदाता, एक बार फिर कांग्रेस की ओर रुख कर रहे हैं।
क्योंकि उन्हें ना आपका झगड़ा चाहिए, ना भाजपा के इल्जाम, उन्हें चाहिए तो विकास और तरक्की। इसके विपरीत आम आदमी पार्टी का वोट शेयर लगातार घटा है। 2015 विधानसभा में उनका वोट शेयर था लगभग 55 प्रतिशत। 2017 के कोर्पोरेशन चुनाव में उनका वोट शेयर आधा रह गया, 25 प्रतिशत और 2019 संसद का चुनाव जो हाल में हुआ, केजरीवाल जी का वोट शेयर घट कर रह गया, 18.2 प्रतिशत। ये दर्शाता है कि दिल्ली विश्वास किसमें जता रही है और वो विश्वास कांग्रेस पार्टी में है, और किसी में नहीं। सच्चाई ये है कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली को नष्ट करने का काम किया है, विकास और तरक्की के आयामों को। 2002 से लगातार भाजपा के पास दिल्ली की तीनों कार्पोरेशन हैं, पर दिल्ली की तीनों कार्पोरेशन अब भ्रष्टाचार, निकम्मेपन और नाकारापन का अड्डा बन गई है।
मोदी जी बात तो करते हैं स्वच्छ्ता की, पर दिल्ली में कूड़े के ढेर और गंदगी सबसे ज्यादा देश के अंदर है और शासन किसका है कार्पोरेशन में – भारतीय जनता पार्टी का है। बुराड़ी हो या करनाल रोड़ का कूड़े का पहाड़, ये शायद हिंदुस्तान में सबसे ऊंचे कूड़े के पहाड़ हैं। 5 साल में न केन्द्र की मोदी जी की सरकार और न कार्पोरेशन, जो मोदी जी के साथ है, वो उनमें, उन कूड़े के पहाड़ों में कई फुट ऊंचा कूड़ा जोड़ दिया, उसमें वो कुछ
साफ नहीं कर पाए। कार्पोरेशन के अस्पतालों और स्कूलों की क्या दुर्गती है, ये सब जानते हैं। ये है भारतीय जनता पार्टी की विरासत दिल्ली को। भ्रष्टाचार तो उन्होंने खुद ही मान लिया, इसलिए अमित शाह जी ने सारे कार्पोरेशन की टिकट काट दी थी, कार्पोरेशन के चुनाव में। इसके विपरीत हर पायदान पर कांग्रेस पार्टी ने जो उदाहरण पेश किया, वो अपने आपमें एक पूरे देश के लिए उदाहरण है। आज दिल्ली का पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम 1 करोड़ 46 लाख मतदाताओं में से 1 करोड़ 25 लाख के करीब दिल्ली की पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को इस्तेमाल करते हैं। केजरीवाल जी की और आम आदमी पार्टी की सरकार के चलते वो खत्म हो गया है।
उसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि 5 साल में एक भी डीटीसी बस केजरीवाल जी की आम आदमी पार्टी की सरकार ने नहीं खरीदी। मैं याद दिलाऊं केजरीवाल जी, आपकी किसी कसंलटेंट के कहने से 2 महीने से मुस्कुरा तो रहे हैं, परंतु वो मुस्कुराहट उन 1 करोड़ 25 लाख लोगों के चेहरे पर नहीं, जो आए दिन दिल्ली की बसों में धक्के खाते हैं। 2014 में जब कांग्रेस ने सरकार छोड़ी, तो डीटीसी के बेड़े में 5,400 बसें थी, आज डीटीसी के बेड़े में 3,800 बसें बच गई हैं। दिल्ली की जनसंख्या 2014 से 2020 तक बढ़ी है या घटी? तो 5,400 बस कांग्रेस छोड़ कर गई थी, डीटीसी के बेड़े में, आज वो 3,800 रगई। इसकेलिए कौन जिम्मेवार है? मेट्रो जो कांग्रेस पार्टी दिल्ली में लेकर आई। मेट्रो फेज वन और 2 हम पूरा कर गए थे,मेट्रो फेज 3 का हम 70 प्रतिशत से अधिक काम हम पूरा करके गए थे।
5 वर्षों में केन्द्र की मोदी सरकार, भाजपा सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मेट्रोका फेज 3 का काम, 3 साल डिलेड (Delayed) है। अभी भी मेट्रो फेज 3, 3 साल डिले होने के बावजूद दिल्ली में पूरा नहीं हो पाया। मेट्रो फेज 4 जिसको अक्टूबर, 2014 में सारी कंसल्टेशन रिपोर्ट सब्मिट कर दी गई थी, केन्द्र सरकार को, आज तक उसका कोई अता-पता नहीं, क्योंकि मोदी जी और केजरीवाल जी तो 5 साल से इल्जामात की राजनीति कर रहे हैं, पर दिल्ली के 1 करोड़ 46 लाख लोगों को, चाहे वो बस ट्रांसपोर्टेशन हो, चाहे मेट्रो ट्रांसपोर्टेशन हो, वो मिलेगा कैसे? इसलिए आज दिल्ली हिंदुस्तान की राजधानी होते हुए भी हिंदुस्तानका सबसे पोल्यूटेड़ शहर बन गया है। दिल्ली में सांस लेना मुश्किल है, दिल्ली के युवाओं को, हमारे बच्चों को खेलने के लिए मैदान के अंदर जाना मुश्किल है। आज मास्क लगाकर लोग सैर करने जाते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेवार हैं? एक तरफ मोदी जी और दूसरी तरफ केजरीवाल जी, परंतु हर बार जब  जहरीली हवा फैलेगी, तो आम आदमी पार्टी, बीजेपी पर इल्जाम लगाएगी और बीजेपी, आम आदमी पार्टी पर लगाएगी, पर लोग जहर की हवा, इसी प्रकार से उसमें सांस लेने के लिए मजबूर रहेंगे।

दिल्ली की कानून व्यवस्था जो मोदी जी और अमित शाह जी के नीचे है, 5 साल से लगातार खराब हो रही है। निर्भया जब हुआ, तो पूरे देश की आत्मा दहली, परंतु आए दिन दिल्ली के अंदर कितने बलात्कार होते हैं? दिल्ली जो है, वो एक तरह से रेप कैपिटल बन गई है देश की और इसके लिए डकैती, चोरी, बच्चों को अगवा करना, बलात्कार करना, छेड़छाड़, इन सबके लिए कौन जिम्मेवार है – भारतीय जनता पार्टी का कुशासन जिम्मेवार है, क्योंकि दिल्ली की पुलिस सीधे केन्द्र सरकार के पास है।

दिल्ली में 15 वर्षों में 15 अस्पताल कांग्रेस पार्टी बनाकर गई थी। स्वास्थ्य की बात तो केजरीवाल जी करते हैं, पर ना मोदी जी ने और ना केजरीवाल जी ने एक भी अस्पताल 5 साल के अंदर दिल्ली में बनाया। 6 विश्वविद्यालय हम 15 साल में बना कर गए थे, एक भी नया विश्वविद्यालय ना केन्द्र सरकार ने और ना प्रांतीय सरकार ने यहाँ बनाया। 74 फ्लाई ओवर हम बनाकर गए थे, केजरीवाल जी ने 5 साल में हमारा चालू किया गया फ्लाई ओवर चाहे पूरा हो गया हो, कोई ऐसा फ्लाई ओवर नहीं जो केजरीवाल जी ने शुरु किया हो या खत्म किया हो, 5 साल में एक भी फ्लाई ओवर बना नहीं पाए।

सच्चाई ये है कि दिल्ली का दिल दहलता है, क्योंकि केजरीवाल जी और मोदी जी एक दूसरे से लड़ाई और इल्जामात की राजनीति में उन्होंने दिल्ली को तरक्की के पायदान में पिछाड़ कर रख दिया है। दिल्ली की जागरुक 1 करोड़ 46 लाख मतदाताओं और दिल्ली की जनता से आपके माध्यम से हम अपील करते हैं, ये दिल्ली दिल वालों की है, दिल्ली सबसे बेहतरीन है, दिल्ली सबसे तरक्की पंसद है और दिल्ली के विकास का एक ही रास्ता इस चुनाव में है और वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है।   

मुख्यमंत्री के चेहरे के बारे में पूछे एक प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी की एक पूर्व निर्धारित प्रक्रिया है। हमेशा जहाँ सिटिंग चीफ मिनिस्टर हैं और हम चुनाव में जाते हैं, वो स्वभाविक तौर से चेहरे होते हैं, पर जहाँ सिटिंग चीफ मिनिस्टर नहीं है, वहाँ पर पूरी पार्टी का सामूहिक नेतृत्व चुनाव लड़ता है और चुनाव के बाद कांग्रेस के विधायकगण और कांग्रेस का आला कमान मिलकर इस पर निर्णय लेता है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि इतनी हिम्मत भी नेता के अंदर होने चाहिए कि एक ओवरब्रिज तो बना दे पांच साल में। इतनी हिम्मत भी केजरीवाल जी नेता के अंदर होनी चाहिए कि पांच साल में एक अस्पताल तो बना दो। इतनी हिम्मत भी नेता के अंदर केजरीवाल जी होने चाहिए कि पांच साल में डीटीसी की एक बस तो खरीद लो। इतनी हिम्मत भी केजरीवाल जी नेता के अंदर होने चाहिए कि पांच साल में एक विश्वविद्यालय तो बना दो। इतनी हिम्मत भी नेता के अंदर होने चाहिए कि पांच साल में दिल्ली की मेट्रो का फेस 3 ही पूरा कर दो। केवल और केवल इल्जामात की राजनीति से अगर हिम्मत नेता की बढ़ती है, तो माफ कीजिए वो प्रजातंत्र के लिए सुखद नहीं है।

चुनाव आयोग से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि पहली बात तो चुनाव आयोग का ये तथ्य सही नहीं है। वो दोबारा चैक कर लें, मैं उनका सम्मान करता हूँ।

दूसरा, हम चुनाव आयोग, जो एक देश की चुनाव करवाने वाली सबसे बड़ी संस्था है, उससे ये उम्मीद करते हैं कि दिल्ली का चुनाव निष्पक्ष होगा और किसी प्रकार की धांधली की शिकायत अगर आएगी, तो चुनाव आयोग उस पर तीव्र गति से कार्यवाही करेगा। हमें ये विश्वास है कि चुनाव आयोग ऐसा करेगा।