दलित परिवार को पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा हैं

आला अधिकारियों की गाज से बचने के लिए नोएडा की इकोटेक थर्ड पुलिस ने पीड़ित दलित परिवार की शिकायत को ही झूठ बताया
पीड़ित ने फिर लगाई न्याय की गुहार, पत्र खोल रहा पुलिस की पोल
गाजियाबाद। नोएडा की थाना ईकोटेक थर्ड पुलिस के उत्पीड़न के शिकार एक दलित परिवार को आलाधिकारियों के समक्ष लगाई गई गुहार के बावजूद न्याय मिलता नजर नहीं आ रहा है। 3 सप्ताह पहले दलित परिवार के घर दबिश देकर मकान सील कराने और परिवार की बेटी को नहाते हुए निर्वस्त्र हालत में बाथरूम से बाहर खींचने वाली पुलिस ने अब पीड़ित परिवार को ही झूठा बताकर उच्चाधिकारियों को गुमराह करना शुरू कर दिया है वहीं पीड़ित परिवार के मुखिया ने एक बार फिर पुलिस महकमे के आला अफसरों को शिकायती पत्र भेजकर कहा है कि ईकोटेक थर्ड की पुलिस कुछ माह पहले उनके बेटे को फर्जी मुकदमें जेल भेज चुकी भेज चुकी है और अब भी कुछ पुलिसकर्मी षडयंत्र रचने पर तुले हुए हैं। उन्होंने न्याय न मिलने पर अदालत की शरण में जाने की बात कही है। उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल से भी न्याय व सुरक्षा की गुहार लगायी है।
पीड़ित दलित परिवार थाना साहिबाबाद क्षेत्र की पप्पू कॉलोनी में रहता है। परिवार के मुखिया सतपाल जाटव ने बताया कि गत 25 सितम्बर को गौतमबुद्ध नगर के ईकोटेक-3 थाने के एसआई पीतम सिंह, कांस्टेबल हिमांशु और कुलदीप समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मियों ने एक बदमाश की तलाश में उनकी गैरमौजूदगी में उनके घर में अचानक दबिश देकर पूरे परिवार से बदसलूकी की थी और उनकी बेटी को नहाते हुए बाथरूम से निर्वस्त्र हालत में बाहर खींच लिया था। घटना के दौरान जब लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई तो सभी पुलिसकर्मी झूठे मुकदमे में जेल भेजने और मकान को सील कराने की धमकी देते हुए चले गए थे।
सतपाल जाटव ने अगले रोज इस पूरी घटना की शिकायत मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराते हुए अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई थी किंतु उक्त थाना पुलिस ने अपने बचाव में शिकायत को पूरी तरह निराधार बताते हुए पीड़ित को झूठा करार दे दिया। इससे पीड़ित परिवार को आशंका है कि पुलिस वाले किसी भी हद तक षड्यंत्र रच सकते हैं। सतपाल जाटव ने एक बार फिर आला अधिकारियों को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि जिस वांछित अभियुक्त मिंटू उर्फ मनोज को उनका दामाद ईकोटेक थर्ड थाना पुलिस उच्चधिकारियों को गुमराह कर रही है, उस बदमाश के विरुद्ध स्वयं उन्होंने वर्ष 2011 में थाना साहिबाबाद में बेटी को भगा ले जाने जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कराया था और पुलिस ने लगभग तीन महीने तक जब तक अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं हो गई थी तब तक उनके परिवार को सुरक्षा दी थी। अभियुक्त मनोज को जेल भिजवाने के कारण ही उसका परिवार उनसे रंजिश रखता है और मनोज के घरवाले थाना इकोटेक में तैनात कॉन्स्टेबल हिमांशु से गांव बिरादरी की रिश्तेदारी के नाते मिलीभगत उनके परिवार का अहित करने की साजिश रचते रहे हैं। सतपाल जाटव के मुताबिक षड्यंत्र के तहत ही ईकोटेक थाना पुलिस ने गत 22 जुलाई की रात 8 बजे पउनके बेटे प्रदीप को घर से उठाकर गांजा तस्करी की धाराओं में फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेज दिया था। इसमें कांस्टेबल हिमांशु और कुलदीप तथा उप निरीक्षक पीतम सिंह की पूरी मिलीभगत रही है। उनका कहना है कि वह दलित है और विपक्षी गुर्जर जाति से हैं इसलिए वे जानबूझकर कुछ पुलिसकर्मियों से सांठगांठ करके उनके परिवार का अहित करने पर तुले हुए हैं। पीड़ित ने अपने शिकायती पत्र में दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही कर न्याय दिलाने  की मांग की है, साथ ही न्याय न मिलने की सूरत में न्यायालय की शरण में जाने की बात कही है।