भारत-युगांडा खत्म करेंगे व्यापार असमानता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और युगांडा के बीच व्यापार की असमानता की स्थिति को मानते हुए कहा है कि भारत अब युगांडा के साथ इस असमानता को ठीक करने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री का दावा है कि इस कदम से जहां भारत अफ्रीकी देश को विकास की दिशा में लाने में बड़ी भूमिका निभाएगा, वहीं दोनों देश एक साथ मिलकर वैश्विक कारोबार में अहम किरदार अदा करेंगे.

मोदी ने कंपाला में युगांडा बिजनेस समिट में कहा कि दुनियाभर में बिजनेस को सिर्फ मुनाफा चाहिए. वहीं युगांडा और भारत में आर्थिक स्थिति विन-विन सिचुएशन में है लेकिन दोनों देशों को उसका फायदा नहीं मिल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस तरह से अफ्रीका के बुरे दिनों में भारत उसके साथ खड़ा रहा है, अब उसकी प्राथमिकता अफ्रीका को विकास की दिशा में ले जाने की है.

गौरतलब है कि अफ्रीका यात्रा पर युगांडा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने कहा कि भारत और युगांडा के बीच ट्रेड इमबैलेंस की स्थिति के चलते दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार को नुकसान पहुंच रहा है. राष्ट्रपति की इस शिकायत पर प्रधानमंत्री मोदी ने इमबैलेंस को ठीक करने पर सहमति जताई.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया का ध्यान भारत की तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था पर है. भारत एक नीति से संचालित व्यवस्था है और यहां टैक्स स्टैबिलिटी और प्रेडिक्टेबल टैक्स व्यवस्था है. इसके चलते भारत में निवेश किसी के लिए भी बेहद आसान है.

अफ्रीका के चुनौती भरे दिनों में भारत युगांडा के साथ खड़ा था. भारत की कोशिश युगांडा में ह्यूमन कैपिटल डेवलपमेंट हो तो एक ऐसी ताकत बनेगी जिसे दुनिया का कोई देश छीन नहीं सकता है. भारत की युगांडा को विकसित करने की प्राथमिकता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत युगांडा के साथ टेक्नोलॉजी साझा करने पर सहमत है और इस कदम से युगांडा में विकास संभव है. लिहाजा, दोनों देशों की इस साझेदारी के सहारे युगांडा भी विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा.

मोदी ने अपने संबोधन में युगांडा के विकास में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की. उन्होंने भारतीय समुदाय को दिल से अपनाने के लिए मुसेवेनी का शुक्रिया अदा किया. प्रधानमंत्री मंगलवार शाम अपनी दो दिवसीय यात्रा पर युगांडा की राजधानी कम्पाला पहुंचे थे. वर्ष 1997 के बाद ये यहां किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला द्विपक्षीय दौरा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक वैश्विक उत्पादन केंद्र और स्टार्टअप हब के तौर पर उभर रहा है. भारत में बनी कार और स्मार्ट फोन समेत अनेक ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को आज उन देशों को बेचा जा रहा है, जहां से कभी हम ये सामान आयात करते थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय इस्पात का इस्तेमाल कर आज भारत रेल पटरियों, मेट्रो ट्रेन कोच और उपग्रह का निर्माण खुद कर रहा है. मोदी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया के लिए उत्पादन का केंद्र बन रहा है.

दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ता मजबूत करने की दिशा में उठाए जाने वाले अहम कदमों पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसाधन सम्पन्न महाद्वीप अब उनकी सरकार की विदेश नीति के केंद्र में है.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत 18 नए दूतावास खोलेगा जिससे अफ्रीका में भारत के दूतावासों की संख्या बढ़कर 47 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि भारत एवं अफ्रीका के बीच कारोबार में 32 फीसदी का इजाफा हुआ है.

मोदी ने कहा कि एशिया एवं अफ्रीका नए विश्व क्रम में बेहतर स्थिति में हैं. इसके साथ ही मोदी ने अफ्रीका को 10 अरब डॉलर देने के वादे को दोहराया.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की पहली युगांडा यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चार अहम एएमयू पर हस्ताक्षर हुए हैं. दोनों देशों के बीच ये समझौते डिफेंस कोऑपरेशन, डिप्लोमेटिक और ऑफिशियल पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा की बाध्यता को खत्म करने, सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने और मटेरियल टेस्टिंग के क्षेत्र में हुए.