*एलएनजे भीलवाड़ा समूह द्वारा भीलवाड़ा सुर संगम का 7वां संस्करण* का आयोजन

दिल्ली – भारतीय संगीत समारोहों में से एक भीलवाड़ा सुर संगम में इस वर्ष पद्मश्री पंडित वेंकटेश कुमार , पंडित अजय शंकर प्रसन्ना ( बांसुरी ), उस्ताद शुजात हुसैन खान (सितार), अभिषेक बोरकर (सरोद) जैसे शीर्ष शास्त्रीय कलाकारों ने प्रदर्शन किया। प्रति वर्ष एलएनजे भीलवाड़ा समूह द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के 7 वें वर्ष में इस वर्ष भी शहर के संगीत प्रेमियों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के कलाकारों ने रागों और जुगलबंदी के विभिन्न रूप प्रस्तुत किए। इस वर्ष का सुर संगम गणरागेश्वरी किशोरी अमोनकर को समर्पित था जिन्होंने 2017 में इस कार्यक्रम में अपना अंतिम प्रदर्शन किया था।

श्री रवि झुनझुनवालाए, अध्यक्ष, एलएनजे भीलवाड़ा समूह और इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रमुख वास्तुकार ने कहा “भीलवाड़ा सुर संगम भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्ध विरासत फैलाने का हमारा एक छोटा सा प्रयास है। इस साल इसके 7 वें संस्करण के आयोजन पर भारतीय शास्त्रीय संगीत की कई किंदव्ंतियों द्वारा इस मंच पर किए गए प्रदर्शन द्वारा हमारी महान शास्त्रीय संगीत परंपरा के गौरव को दोहराना उत्साह वर्धक है।”

2012 में शुरू हुए  इस शास्त्रीय संगीत उत्सव ने पिछले कुछ वर्षों में असाधारण और पौराणिक कलाकारों को शामिल किया है जिसमें पंडित जसराज, पंडित हरि प्रसाद चौरासिया, उस्ताद शाहिद परवेज खान, उस्ताद रशीद खान, पंडित उल्हास काशलकर, उस्ताद शुजात हुसैन खान, गनसरस्वती किशोरी आमोनकरए, डॉ एन राजम, पंडित  कुमार बोस, पंडित अनिन्दो चटर्जी, पंडित अजय चक्रवर्ती, सुश्री कौशिकी चक्रवर्ती, डॉ अश्विनी भिदे देशपांडे कुछ नाम हैं। भीलवाड़ा सुर संगम को हर साल लोगों से अत्यधिक प्रशंसा मिली है।
श्री झुनझुनवाला ने कहा, “हमें गर्व है कि हम इसे भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रतिभा और विविधता प्रदर्शन का एक मंच बनाने में सफल रहे। एक छोटी सी शुरूआत आज एक लंबा सफर तय कर चुकी है और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में भीलवाड़ा सुर संगम भारतीय संगीत के क्षितिज का विस्तार और योगदान करने में सफल होंगे”