राज्यसभा में बोली महिला सदस्य- सभापति की कुर्सी पर हम क्यों नहीं.

संसद के बजट सत्र में महिला दिवस के मौके पर दोनों सदनों में दुनियाभर की महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी गईं. इस मौके पर राज्यसभा में विस्तृत चर्चा हुई और महिला सदस्यों समेत अन्य सांसदों ने महिला आरक्षण बिल, महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों से जुड़े मुद्दे उठाए.

राज्यसभा में कांग्रेस की वरिष्ठ सांसद विप्लव ठाकुर ने राज्यसभा के पैनल में महिला सदस्य को शामिल करने पर जोर दिया. उन्होंने आसन को संबोधित करते हुए कहा कि अध्यक्ष जी आपने महिलाओं के लिए बराबरी की बात कही लेकिन आपका जो पैनल बना हुआ है उसी में कोई महिला नहीं है. ठाकुर ने कहा कि क्या सदन की कोई महिला आसन पर बैठने लायक नहीं है.

विप्लव ठाकुर ने कहा कि अगर बराबरी की बात घर से शुरू करनी चाहिए तो इस सदन में भी सभी को बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब कर हमारी सोच नहीं बदलेगी तब तक महिला दिवस सिर्फ एक दिन बनकर रह जाएगा.

बीएसपी सांसद सतीश मिश्रा और सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ठाकुर की मांग का समर्थन किया. सभापति वेंकैया नायडू ने भी सदस्य की चिंता पर कहा कि आपके वेदना और सुझाव पर विचार किया जाएगा और उसे तुरंत कार्यान्वित करने की कोशिश की जाएगी.

क्या होता है पैनल

आपको बता दें कि राज्यसभा में सदन की कार्यवाही को संचालित करने के लिए सभापति और उपसभापति पीजे कुरियन के अलावा एक पैनल भी है जिसमें 6 सदस्य शामिल हैं. लेकिन इस पैनल में एक भी महिला सदस्य नहीं है.

उपसभापति के पैनल में सत्यनारायण जतिया (BJP), तिरुचि शिवा (DMK), टीके रंगाराजन (CPI), भुवनेश्वर कलिता (INC), बसवराज पाटिल (BJP) और सुखेंदु शेखर राय (TMC) शामिल हैं. ये पैनल सभापति और उप सभापति की गैर मौजूदगी में सदन की कार्यवाही को संचालित करता है. सांसदों की मांग है कि इस पैनल में किसी महिला सदस्य को शामिल किया जाए.राज्य सभा में वर्तमान में कुल 239 सदस्य हैं जिनमें 28 महिला सदस्य भी शामिल हैं. कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 8 महिला सांसद हैं जबकि बीजेपी ने 4 महिलाओं को 4 राज्यसभा में भेजा है.