स्वार्थ रहित सुशासन ही लोकतंत्र का स्तम्भ है – नवीन पटनायक

‘आदर्श मुख्यमंत्री’ पुरस्कार से नवाजे गए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक

पुणे – 8वें भारतीय छात्र संसद द्वारा किए गए आयोजन के तीसरे दिन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को ‘आदर्श मुख्यमंत्री’ के रूप से सम्मानित किया गया। देश की पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को यह पुरस्कार प्रदान किया।

पुरस्कार प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वार्थ रहित सुशासन ही लोकतंत्र का स्तंभ है। राजनीति जटिल नहीं है, यह देश का उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण है। आप जीवन में जो बदलाव चाहते हैं उसे खुद से शुरूआत करनी होगी, इस देश में हर व्यक्ति नए भारत को बनाने की क्षमता रखता है।

इस मौके पर कई दिग्गज उपस्थित हुए- भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल, पद्म विभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर, प्रमुख वैज्ञानिक, सलाहकार परिषद के अध्यक्ष, स्वच्छ भारत अभियान, भारत सरकार, राष्ट्रीय अनुसंधान प्रोफेसर, यूनेस्को अध्यक्ष धारक प्रो डॉ.विश्वनाथ डी. कराड – संस्थापक अध्यक्ष, एमआईटी विश्व शांति विश्वविद्यालय, संस्थापक कार्यकारी अध्यक्ष, डब्लूपीसी, एमईईआर के एमआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, प्रो. मंगेश कराड, प्रोफेसर राहुल कराड, एमआईटी विश्व शांति विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष, प्रो. एसएस दराडे-पाटील, प्रो डीपी आपटे, डॉ. आरएम चिटनीस, डॉ नंदकुमार निकम।
छात्रों को संबोधित करते हुए श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने कहा, “राजनेता हमेशा बुरे नहीं होते, हमें राजनीति के उज्ज्वल पक्ष को भी देखना चाहिए। कुछ गलत लोगों के वजह से यह नहीं माना जाना चाहिेए कि राजनीति से जुड़े सभी लोग गलत हैं। भारत में बड़ी संख्या में युवा हैं जो भारत के भविष्य को उज्जवल व बेहतर बनाने की क्षमता रखते हैं। आज की राजनीति में युवाओं की भागीदारी बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है।
इस समारोह में पहुँचे डॉ.मुरली मनोहर जोशी ने कहा, “धर्म और मज़हब दो अलग चीजें हैं और हमें इसे अपने दिमाग में रखना चाहिए। युवाओं के लिए तीन मंत्र हैं- वसुदेव कुटुंबकम्, विविधता में एकता और सच्चाई का साथ।”

वहीं डॉ विश्वनाथ कराड ने संत ज्ञानेश्वर और स्वामी विवेकानंद को याद किया और कहा, ” आज की जनता जागरुक है और वह अपने दिमाग व प्रतिभा का इस्तेमाल कर हर वह चीज़ हांसिल कर सकती है जो वह चाहती है। जब आपमें सीखने की जिझासा होगी तब आप आगे भी बढ़ेंगे और उम्र का ख्याल भी नहीं आएगा।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राहुल कराड ने कहा, “बीसीएस केवल राजनीतिक कार्रवाई के लिए एक मंच नहीं है, बल्कि यह देश के युवाओं के लिए एक मंच है।