बंदरगाह अस्‍पतालों को अपग्रेड करने के सुझावों के लिए जहाजरानी मंत्रालय ने समिति बनाई

जहारानी मंत्रालय ने एक समिति गठित की है, जो इस बात का अध्‍ययन करेगी कि किस प्रकार सस्‍ती चिकित्‍सा और अर्द्ध चिकित्‍सा शिक्षा देने के साथ-साथ विश्‍वस्‍तर की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी के अंतर्गत प्रमुख बंदरगाहों में वर्तमान स्‍वास्‍थ्‍य सेवा बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जा सकता है। जहारानी और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को आज नई दिल्‍ली में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए समिति ने संभावित विकल्‍पों की जानकारी दी, जिनसे पीपीपी मोड के अंतर्गत बंदरगाह अस्‍पतालों को अपग्रेड किया जा सकता है, ताकि उनकी स्‍वास्‍थ्‍य सेवा सुविधाएं बेहतर बन सकें।

रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि बंदरगाह अस्‍पतालों में मेडिकल कॉलेज और पोस्‍ट ग्रेजुएट स्‍पेशलिटी पाठ्यक्रमों को शुरू करना संभव है। रिपोर्ट के अनुसार 200 से अधिक बिस्‍तरों वाले मुंबई बंदरगाह के अस्‍पतालों, कोच्चि, चेन्‍नई, विशाखापत्‍तनम, कोलकाता बंदरगाहों में विशिष्‍टता के साथ सुविधाओं को अपग्रेड करने के बारे में विचार किया जा सकता है, जिसे बाद में अन्‍य बंदरगाह अस्‍पतालों के सभी रेफरल उद्देश्‍यों के लिए एक विशिष्‍ट बंदरगाह अस्‍पताल का सुपर स्‍पेशलिटी केन्‍द्र बनाया जा सकता है। चेन्‍नई स्थित पोर्ट ट्रस्‍ट अस्‍पताल को हृदय से जुड़ी बीमारियों के लिए, पोर्ट ट्रस्‍ट अस्‍पताल कोच्चि को नेफ्रोलॉजी, पोर्ट ट्रस्‍ट अस्‍पताल कोलकाता को न्‍यूरोलॉजी और न्‍येरोसर्जरी तथा पोर्ट ट्रस्‍ट अस्‍पताल विशाखापत्‍तनम को गेस्‍ट्रोएन्‍टेरोलॉजी तथा सर्जरीकल गेस्‍ट्रोएन्‍टेरोलॉजी के लिए  विकसित किया जा सकता है।

इस रिपोर्ट में कुछ नीतिगत बदलावों का भी संकेत दिया गया है, जो पीपीपी मोड के दायरे को बढ़ाने के उद्देश्‍य से किये जा सकते हैं।

इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि यदि पीपीपी मोड के अंतर्गत बंदरगाह अस्‍पतालों को अपग्रेड किया जा सकता है और यदि इन अस्‍पतालों में मेडिकल कॉलेज और पीजी पाठयक्रम शुरू किये जा सकते हैं, तो इससे न केवल बंदरगाह और उसके आस-पास के लोगों को गुणवत्‍तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवा मिलेगी, बल्कि स्‍थानीय युवकों के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर खुलेंगे। उन्‍होंने कहा कि इस कदम से देश में डॉक्‍टरों और पैरा मेडिकल कर्मचारियों की भारी कमी को पूरा किया जा सकेगा और बंदरगाह आर्थिक बदलाव के संचालक बनेंगे तथा स्‍थानीय क्षेत्र का समग्र विकास हो सकेगा। इससे स्‍मार्ट बंदरगाह, स्‍मार्ट शहर और स्‍मार्ट अस्‍पताल का युग शुरू होगा।

इस समिति का गठन कृष्‍णा इंस्‍टटीयूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, कराड के चांसलर डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा और भारतीय चिकित्‍सा परिषद नई दिल्‍ली की अकादमिक समिति के चेयरमैन की अध्‍यक्षता में 06 मई, 2016 को किया गया था।