रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने फेस्टिव सीजन से पहले रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया

नई दिल्ली
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने फेस्टिव सीजन से पहले रेपो रेट को स्थिर रखने का एक अहम् निर्णय लिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि रेपो रेट यथावत 6.5 फीसदी पर बना रहेगा। आपको बता दें कि कई विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि मुद्रास्फीति और अन्य वैश्विक कारकों के कारण रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया जा सकता है। इस पर रियल एस्टेट सेक्टर ने अपनी प्रसन्ता व्यक्त की. रियल एस्टेट सेक्टर आशावान है की फेस्टिव सीजन में इससे अच्छे परिणाम मिलेंगे।
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने बताया कि भले ही रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद थी कि रेपो रेट में कटौती होगी लेकिन आरबीआई द्वारा रेपो दर को यथास्थिति बनाए रखना एक प्रशंसनीय कदम है। त्योहारी सीजन पास है और उपभोक्ता घर खरीदने की ओर देख रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा बना रहेगा। हालाँकि, रेपो रेट का मौजूदा आंकड़ा अभी भी सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि आरबीआई मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के अपने इरादे में सफल होगा, और हम रेपो रेट की कम दर देख सकते हैं।
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा कि रेपो दरों को बनाए रखने की आरबीआई की प्रतिबद्धता खरीदारों की आशा के अनुरूप है। आरबीआई के इस कदम से रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा और खरीदार इस फेस्टिवल सीजन में निवेश करने के लिए आगे आएंगे। पिछले कुछ महीनों से दरें 6.50 फीसदी पर स्थिर हैं, जो खरीदारों की जेब पर बोझ डाले बिना मुद्रास्फीति को संतुलित करने के आरबीआई के उपाय को प्रदर्शित करता है। यह कदम डेवलपर्स और खरीदारों दोनों के लिए लाभदायक है।
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि त्यौहारी सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का भारतीय रिजर्व बैंक का फैसला सराहनीय कदम है। इससे घर खरीदार प्रोजेक्ट्स की तरफ आकर्षित होंगे, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को मुनाफा होगा। रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का निर्णय घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए राहत की खबर है।
एक्सिओम लैंडबेस के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश कुमार सराफ ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मौजूदा ब्याज दरों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं करने का निर्णय घर खरीदारों पर वित्तीय बोझ को कम करना है। जिससे खरीदारों का राहत मिलेगी। हाल के महीनों में, मासिक ईएमआई में उल्लेखनीय वृद्धि ने मध्यम और निम्न-आय वर्ग के उन व्यक्तियों के बजट पर महत्वपूर्ण बाधाएं डाल दी हैं जो घर के मालिक बनने की इच्छा रखते हैं। एक स्थिर ब्याज दर वातावरण बनाए रखने से, एक आशावादी दृष्टिकोण है कि ये संभावित खरीदार घर खरीदने की अपनी योजनाओं के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित महसूस करेंगे।
360 रियलटर्स के निदेशक संजीव अरोड़ा ने कहा कि आरबीआई ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा है, जो कि खरीदारों व डेवलपर्स दोनों के लिए सकारात्मक कदम है। रेपो रेट को कम करने के बारे में भी सोचा जा सकता है, रेपो रेट में बदलाव न करके आरबीआई ने लोगों को राहत दी है। वहीं इससे रियल एस्टेट को फायदा होगा। इस फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था में लचीलापन दिख रहा है और विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्रों में वृद्धि देखी जा रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल के बावजूद सितंबर में मुद्रास्फीति कम हुई है। भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास इंजन बनने की ओर अग्रसर है।
एमआरजी वर्ल्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल कि त्यौहारी सीजन लगभग शुरू होने वाला है, ऐसे में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करके बड़ी राहत दी है। अंतिम बार फरवरी में रेपो रेट में बढ़ोतरी की गई थी, रेपो रेट में बदलाव नहीं होने से खरीदारों पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। लोग घर और वाहन सहित अन्य चीजें खरीदने के लिए आगे आएंगे। त्यौहारी सीजन में रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं करना वास्तव में सराहनीय कदम है।
ओमेक्स ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित गोयल ने कहा कि एक साल पहले रेपो रेट 5.9% (सितंबर 2022) था। वर्तमान तिमाही सहित पिछली कुछ एमपीसी बैठकों में आरबीआई द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के बावजूद, रेपो दर 6.5% अभी भी अधिक है। भले ही रियल एस्टेट क्षेत्र अप्रभावित रहा है और अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, हमें उम्मीद है कि आरबीआई मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के अपने उद्देश्य को पूरा करेगा। एक सकारात्मक बात यह है कि आरबीआई का रुख इस क्षेत्र को यह उम्मीद देता है कि भविष्य में दर में वृद्धि की संभावना कम है।