पिता की राह पर चले जस्टिन ट्रूडो! पिता ने नहीं मानी थी इंदिरा की बात तो 331 लोगों ने गवाई थी जान

खालिस्तान मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच एक बार फिर रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई है… कनाडा में तेजी से फल-फूल रहे खालिस्तानी आतंकी भारत के लिए लंबे समय से चुनौती बने हुए हैं… इस बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में संभावित तौर पर भारत का हाथ होने का शक जताया है. हालांकि इस बयान के बाद भारत ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इन आरोपों को बेतुका बताया है… बता दें कि जस्टिन ट्रूडो कई विदेशी मामलों में बिल्कुल अपने पिता की राह पर चल रहे हैं… आइए तब की एक कहानी जानते हैं जब जस्टिन के पिता की एक गलती की वजह से 331 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी… जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो, कनाडा में 1968-1979 और 1980-1984 तक सत्ता में रहे… इस दौरान भारत में इंदिरा गांधी की सरकार थी… तब इंदिरा गांधी ने पियरे ट्रूडो से खालिस्तानी आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार को भारत में प्रत्यर्पित करने की मांग की थी… पियरे ट्रूडो ने तलविंदर सिंह को इस विशेष दलील पर भारत में प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया कि भारत, राष्ट्रमंडल का सदस्य होने के बावजूद, ब्रिटेन की रानी की संप्रभुता को मान्यता नहीं देता… इसके बाद तलविंदर सिंह परमार ने बड़ी साजिश रची और आयरलैंड के पास एयर इंडिया के विमान पर भीषण बमबारी की, जिसमें 331 यात्री मारे गए थे…