रेरा का आदेश रियलएसटेट से लेकर आमजन के बीच बन रहा चर्चा का विषय

 

मंगलवार को आया रेरा का आदेश रियलेस्टेट से लेकर आमजन के बीच चर्चा का मुख्य विषय बन गया दरअसल यह आदेश ग़ाज़ियाबाद के एक बिल्डर के ख़िलाफ़ आया है लेकिन इससे होने वाला फ़ायदा एनसीआर के सभी फ्लैट ख़रीददारों को मिलेगा शायद यही कारण है की यह मामला ग़ाज़ियाबाद और नोएडा की सोसाइटियों के व्हाट्सएप ग्रुपों पर तेज़ी से वायरल हो रहा है

दरअसल ग़ाज़ियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन निवासी सौरभ गुप्ता ने सिद्धार्थ विहार में बन रही टी होम्स सोसाइटी में वर्ष 2019 में फ्लैट बुक किया था तय अनुबंध के अनुसार फ्लैट का क़ब्ज़ा मार्च 2022 में दिया जाना था लेकिन क़ब्ज़ा नहीं मिला फ्लैट का क़ब्जा देने के लिए बिल्डर उनसे विलंब शुल्क के नाम पर लाखों रुपए की अनैतिक माँग करने लगा बिल्डर का कहना था की फ्लैट का रेट दोगुना हो गया है ऐसे में अगर उन्हें फ्लैट का क़ब्ज़ा चाहिए तो आवंटन की क़ीमत से अतिरिक्त साढ़े सात लाख रुपए चुकाने होंगे , तत्पश्चात् सौरभ गुप्ता अपने फ्लैट का निरीक्षण करने उक्त सोसाइटी पहुँच गये जहां पूरी सोसाइटी में निर्माण कार्य चल रहा था और फ्लैट अधूरा पड़ा था जिसकी उनके द्वारा वीडियोग्राफ़ी भी की गई, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के साथ परियोजना में हुई देरी और बिल्डर द्वारा विलंब शुल्क के नाम पर माँगी जा रही अवैध धनराशि के ख़िलाफ़ सौरभ गुप्ता ने अगस्त 2022 में टीएंडटी इंफ़्राज़ोन के ख़िलाफ़ यूपी रेरा में वाद दाखिल कर दिया जिसके बाद बिल्डर कंपनी द्वारा उनके फ्लैट का आवंटन तक रद्द कर दिया गया था ।

सौरभ गुप्ता ने इस मामले को पूरी मज़बूती के साथ रेरा कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था जिस पर 11 अप्रैल 2023 को सुनवाई पूर्ण कर रेरा कोर्ट ने फ़ैंसला सुरक्षित कर दिया था 5 महीने बाद मंगलवार 12 सितंबर को इस मामले में यूपी रेरा ने बिल्डर कंपनी को दोषी करार देते हुए उस पर भारी मुआवजे सहित विवादित फ़्लैटों का क़ब्ज़ा देने का आदेश जारी कर दिया जैसे ही इस मामले में फ़ैंसला आया यह मामला राजनगर एक्सटेंशन और इन्दिरापुरम की सोसायटियों में जमकर वायरल होने लगा इस आदेश से सोसायटियों में रहने वाले आमजन और एओए में ख़ुशी की लहर दिखी क्योंकि ये फ़ैंसला सोसायटियों में रह रहे फ्लैट मालिकों और आवंटियों को सीधा लाभ पहुँचाने वाला था राजनगर एक्सटेंशन वेलफेयर के पदाधिकारियों ने सौरभ गुप्ता को शुभकामनाएँ दी, दो दिन से यह मामला चर्चाओं का विषय बना है

क्या कहता है रेरा का आदेश? रेरा के इस आदेश से रियल स्टेट के किन आवंटियों को मिलेगा लाभ

दिल्ली हाई कोर्ट के जाने माने वकील निशांत मित्तल के अनुसार यह एक बहुत ही ऐतिहासिक आदेश है जो दिल्ली एनसीआर के फ्लैट खरीददारों और आवंटियों को उनकी संपत्ति पर सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करेगा आदेश के बाद रेरा के प्रति विश्वास कायम हुआ है
एडवोकेट निहारिका के अनुसार अगर किसी आवंटी को परियोजना पूर्ण होने से पहले बुक फ्लैट का क़ब्ज़ा ऑफर किया गया है तो वह अवैधानिक होगा इसके लिए फ्लैट/प्लॉट आवंटी को इस आदेश का हवाला देते हुए यूपी रेरा में वाद दाखिल करना होगा
गाजियाबाद कोर्ट के वकील प्रेम प्रकाश मिश्रा के अनुसार अब कोई भी प्रमोटर परियोजना संपूर्ण होने की तय समय सीमा से ओसी प्राप्त होने तक की सीमा के बीच का ब्याज देने का देनदारी होगा यानी बिल्डर को जब तक ओसी नही मिल जाती तब तक उसके द्वारा ऑफर किया गया कब्जा पत्र मान्य ही नही होगा ऐसे में आवंटी परियोजना के तय समय सीमा से बिल्डर द्वारा ओसी प्राप्त होने तक बिल्डर पर अपनी जमा धनराशि पर एमसीएलआर+1 प्रतिशत की दर से मुआवजे का हकदार होगा।