कहते है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता, हर इंसान अपने पेट के लिए मेहनत करता है… लेकिन एक ऐसा समुदाय है जो काफी समय से समाज मे अपनी पहचान पाने के लिए लड़ता आ रहा है… इस समुदाय को हमारे देश मे वेश्या या सेक्स वर्कर्स के नाम से जाना जाता है… ये वो लोग है जिन्होंने अपनी जिंदगी मे दुख, पीड़ा, लोगों के ताने और बेइज्जती सही है… कुछ लोग इनके काम की कद्र करते है, लेकिन कई लोग ऐसे है जो इनके काम को धंधे का नाम देते है… ऐसे में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इस समुदाय के लोगों में खुशी की लहर देखने को मिली… मानों इस फैसले से इनकी जिंदगी बदल गई हो… चलिए बताते है कि आखिर क्या है वो फैसला? गुरुवार को सुनाए गए अपने फैसले मे सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा की वेश्यावृत्ति एक पेशा है और सेक्स वर्कर भी कानून के समक्ष सम्मान और बराबरी के हकदार हैं… सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सेक्स वर्कर्स के काम में हस्तक्षेप नहीं करें… सुप्रीम कोर्ट के अनुसार संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत हर नागरिक को जीवन जीने का अधिकार मिला है… वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है, मगर वेश्यावृत्ति कोई अपराध नही है…