दो तिहाई भूमण्डल में फैलेगा इस्सयोग, इसमें विश्व को एक करने की क्षमता : माँ विजया

महात्मा सुशील का दो दिवसीय महानिर्वाण महोत्सव हुआ संपन्न, पाँच प्रतिभाशाली इस्सयोगी हुए पुरस्कृत

पटना, २४ अप्रैल। ‘इस्सयोग’ शीघ्र ही दो तिहाई भूमण्डल में फैल जाएगा। यह कहा करते थे सूक्ष्म आंतरिक साधना पद्धति के प्रवर्त्तक और अंतर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के संस्थापक महात्मा सुशील कुमार, जिनका जीवन और दर्शन न केवल एक आदर्श समाज की स्थापना में सहायक है, अपितु इस पर चलकर, शांति और आनंद की संपदा से युक्त एक समृद्ध विश्व का निर्माण किया जा सकता है। ‘इस्सयोग’ की सूक्ष्म साधना पद्धति मानव को देवत्व की ओर उन्नत कर मानव जाति के बीच एकत्व की स्थापना करती है। इसमें विश्व-बंधुत्व और धार्मिक एकता का सूत्र छुपा हुआ है।
यह बातें रविवार को, महात्मा के दो दिवसीय २०वें महानिर्वाण महोत्सव के समापन के अवसर पर अपने आशीर्वचन में संस्था की अध्यक्ष और ब्रह्मलीन सदगुरुमाता माँ विजया ने कही। माताजी ने कहा कि सदगुरुदेव ने अपने लौकिक जीवन और आध्यात्मिक विचारों से संसार के समक्ष आदर्श जीवन के उदाहरण प्रस्तुत किए। आचरण और विचारों की साम्यता के वे दुर्लभ उदाहरण थे। उन्होंने यह शिक्षा दी कि व्यक्ति गृहस्थ-जीवन जीते हुए भी महान आध्यात्मिक उपलब्धियाँ प्राप्त कर सकता है।
अमेरिका से पधारे संस्था के उपाध्यक्ष (मुख्यालय) बड़े भैया श्रीश्री संजय कुमार ने कहा कि ‘इस्सयोग’ आनंद का सागर है। सदगुरु-गुरुमाँ की कृपा से, साधकों की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी इच्छाएँ भी पूर्ण होती हैं। हमें मानव तन बड़े सौभाग्य से मिला है। यह हमें अपनी दिव्यता और मौलिकता को जानने और प्राप्त करने के लिए प्राप्त हुआ है। गुरुदेव कहा करते थे कि करोड़ों लोगों में से कुछ एक को आत्म-तत्त्व को जानने की प्रेरणा होती है और उनमे से भी कुछ थोड़े से लोग उस मार्ग पर बढ़ते हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें ईशर को प्राप्त करने का दिव्य मार्ग प्राप्त हुआ है। हमें अपने दुर्गुणों को दूर कर अपना आत्मिक उत्थान करना चाहिए। उस ईश्वर की अनुभूति करना चाहिए, जो सर्वत्र व्याप्त है। वस्तुतः वही एक निखिल ब्रह्माण्ड में व्याप्त है।
इसके पूर्व बड़े भैया ने, विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली पाँच इस्सयोगियों गोवा के काशीनाथ, सुरेंद्र कुमार, लंदन के अभिषेक आशीष, मुंबई के सौरभ दीक्षित एवं दिल्ली के राधेश्याम पाण्डेय को ‘महात्मा सुशील माँ विजया प्रोत्साहन पुरस्कार’ प्रदान किया।
यह जानकारी देते हुए, संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने बताया कि महोत्सव के दूसरे दिन आज प्रातः १० बजे कंकड़बाग स्थित गुरुधाम में, विगत दिन से जारी बीस घंटे की अखण्ड साधना का समापन हुआ।उसके पश्चात आरती और हवन-यज्ञ संपन्न हुआ, जिसमें माताजी के साथ बड़े भैया श्रीश्री संजय कुमार, रेणु गुप्ता, संदीप गुप्ता, नीना दूबे, संगीता झा, शिवम् झा, प्रणव गुप्ता, कुमार सहाय वर्मा, उमेश कुमार, सांसद रमा देवी, लक्ष्मी प्रसाद साहू, दिव्या झा, अनंत कुमार साहू समेत हज़ारों साधक-साधिकाओं ने समिधा अर्पित की।
गुरुधाम में संध्या संकीर्तन, जगत-कल्याण की ब्रह्माण्ड-साधना, सर्वधर्म-प्रार्थना और माताजी के आशीर्वचन के साथ दो दिवसीय इस महोत्सव का समापन हुआ। महोत्सव में अमेरिका, इंग्लैंड, सिंगापुर, नेपाल आदि देशों के साथ देश के विभिन्न स्थानों से आए हज़ारों इस्सयोगियों ने भाग लिया।