आज निर्मला फॉउंडेशन , नोएडा के ‘ साहित्य समाज का दर्पण ‘ नामक कार्यक्रम में साहित्य, कला और संस्कृति के प्रसिद्ध आलोचक ज्योतिष जोशी का ऑनलाइन साक्षात्कार हुआ। उनसे बातचीत की नूपुर अग्रवाल ने। बातचीत के पहले प्रिशा कपूर कि जो मायानृत्यम इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट की छात्रा हैं की एक भावपूर्ण कथक प्रस्तुति हुई। प्रिशा ने बहुत तन्मय होकर अपनी भावपूर्ण भंगिमाओं से दर्शनीय प्रस्तुति दी और दर्शकों को मुग्ध कर दिया। इसके बाद नूपुर अग्रवाल ने आलोचक ज्योतिष जोशी से साहित्य और कला से जुड़े अनेक प्रश्नों ओर बातचीत की। डॉ. जोशी ने अपने उत्तर में साहित्य और कलाओं को आज के समय में परस्पर निकट आने की बात की और कहा कि यह सभी कलाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। संगीत और नृत्य को उन्होंने आज की बड़ी जरूरत बताया और कहा कि आज जो समाज में कोरोना के कारण उदासीनता व्याप्त है और लोगों में सामाजिक विघटन पैदा हुआ है, उसे नृत्य और संगीत के प्रभाव से कम किया जा सकता है और यह संसार रहने लायक बन सकता है। नृत्य और संगीत के महत्व और उसकी भूमिका पर उन्होंने बात करते हुए उनके महत्व प्रकाश डाला और युवा वर्ग को अपनी कला में समग्र समर्पण के साथ काम करने की सीख दी। उन्होंने कलाओं को समाज में जगह देने और माध्यमिक स्तर तक पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि बच्चों को एक अच्छा मनुष्य बना सकने में मदद मिले। उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में महात्मा गांधी द्वारा संगीत के इस्तेमाल की दिलचस्प जानकारी देते हुए कहा कि गाँधीजी कहा करते थे कि अगर उनके जीवन से संगीत को हटा दिया जाय तो वे काम करने लायक ही नहीं रह पाएंगे।