साहित्य का प्रदर्शनमूलक कलाओं में सफल रूपांतरण किसी विधा-भाषा में अनुवाद नहीं होता, मनोज श्रीवास्तव

अंजना वेलफेयर सोसाइटी रिदम कला समारोह श्री मनोज श्रीवास्तव जी ने कला एवं साहित्य के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया श्री मनोज श्रीवास्तव जी
1. कलाओं की अंतरानुशासनिकता की बात मूलतः अद्वैत की बात है। अनुभूति की स्थान्तरणीयता की बात है।
2. कलाएँ स्वयं में ही एक स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति हैं और अंतरानुशासनिकता उसी स्वतंत्रता का विस्तार है। कलाएँ अपनी सरहदें पार कर दूसरी विधाओं के नये महाद्वीपों में पहुँचती हैं और विनिमय के नये अवसर अर्जित करती हैं।
3. कविता कालयात्री ही नहीं है, कलायात्री भी है। वह कभी नृत्य में तो कभी पेंटिंग में परिणत हो जाती है।
4. साहित्य का प्रदर्शनमूलक कलाओं में सफल रूपांतरण किसी विधा-भाषा में अनुवाद नहीं होता, सिंथेसिस होता है ।
अंजना वेलफेयर सोसाइटी द्वारा 45 दिवसीय कला समारोह रिदम इस कला महोत्सव की शाम को सजाया गया अलग-अलग कलाओं के कलाकारों से जिसमें गोवा से नीलेश फतरपिकर ने ऑनलाइन कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति में फोक संगीत प्रस्तुत किया नीलेश गोवा के संस्कृति को बढ़ाने में बड़ा ही योगदान दे रहे हैं निलेश ने बताया कि गोवा एक ऐसा शहर है जहां भारतीय शास्त्रीय कलाओं का एक विशेष स्थान है


समारोह की पहली प्रस्तुति डॉ जोकि नृत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स की छात्रा है डॉक्टर प्रत्याशिता सिंह और माया कुलश्रेष्ठ के से नृत्य की शिक्षा ले रही हैं प्रत्याशिता ने तीन ताल में कुछ तिहाई या टुकड़े गुरु वंदना से कार्यक्रम का उद्घाटन किया कार्यक्रम को अंतिम स्वरूप
ऋषिति मोहंती
के द्वारा दिया गया ऋषिति मोहंती कि गुरु श्रीमती कविता मोहंती है जोकि ओडीसी की नृत्यांगना है, संगीत रचना सूरज मोहंती द्वारा की गई,
जिसका आधार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ था और कार्यक्रम को श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा प्रशंसा की गई
अंजना वेलफेयर सोसाइटी के रिदम 5 को यूनेस्को और गवर्नमेंट ऑफ नागालैंड एवं इंडियन ऑयल का सहयोग मिला हैजोकि नृत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स की छात्रा है और माया कुलश्रेष्ठ के द्वारा नृत्य की शिक्षा ले रही हैं प्रत्याशिता ने तीन ताल में कुछ तिहाई या टुकड़े गुरु वंदना से कार्यक्रम का उद्घाटन किया कार्यक्रम को अंतिम स्वरूप
ऋषिति मोहंती
के द्वारा दिया गया ऋषिति मोहंती कि गुरु श्रीमती कविता मोहंती है जोकि ओडीसी की नृत्यांगना है, संगीत रचना सूरज मोहंती द्वारा की गई,
जिसका आधार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ था और कार्यक्रम को श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा प्रशंसा की गई
अंजना वेलफेयर सोसाइटी के रिदम 5 को यूनेस्को और गवर्नमेंट ऑफ नागालैंड एवं इंडियन ऑयल का सहयोग मिला है