फर्जी डिग्री पर विदेश में बन गई असोसीएट प्रिन्सिपल

– मामले की जांच कराए जाने की मांग की
नई दिल्ली। फर्जी वाड़ा का एक नया मामला सामने आया है जिसमे देश के नाम और शिक्षण संस्थानों की साख पर आंच आई है। इसको लेकर कुछ आभिभावकोने भारतीय दूतावास को लिख कर मामले की जांच और तुरन्त सख़्त करवाई करने की मांग की है। यह मामला देश से बाहर रियाद (सऊदी अरब)में स्थित इंटरनेशनल इंडियन स्कूल रियाद (गर्ल्स) में फर्जी डिग्री पर पहले प्रिंसिपल इन चार्ज और अब एसोसिएट के प्रिंसिपल पद पर कार्यरत अस्मा शाह को लेकर है।
सूत्रों के अनुसार अस्मा शाह की ओर से स्कूल में जमा की गई बीए, एमए, बीएड की डिग्री पर सवाल उठाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार पहेले बीएड की डिग्री स्कूल रिकार्ड में सबमिट की गई थी वह इंडीयन इंस्टिट्यूट ओफ़ प्रोफेशनल स्टडीज़ यूपी के भारतीय शिक्षा परिषद से 2007 के पासिंग की थी। लेकिन जो नई डिग्री सबमिट की गई है उसमें पासिंग ईयर 2009 का है और वह छत्रपति शाहु जी महाराज कानपुर यूनिवर्सिटी का रेगुलर स्टूडेंट के सर्टिफिकेट है। सूत्रों के अनुसार यह सर्टिफिकेट फर्जी है क्योंकि यूनिवर्सिटी रेकार्ड पर ओरिजनल कंडिडेट और उसके के पिता दोनो का नाम अलग है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले की जांच सरकार को कराया जाना चाहिए दोषी पाये जाने पर तुरन्त करवाई की जानी चाहिए ताकि देश का नाम बाहर फिर कोई बदनाम ना करे । फर्जी डिग्री के मामले को लेकर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई पर बात नही हो सकी।