सूर्य ग्रहण पर सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग, जानें क्या होगा प्रभाव

आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है. ये ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा. सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे की रहेगी. हालांकि ये सूर्य ग्रहण  भारत में नहीं दिखाई देगा. ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जो कई मायनों में खास रहने वाला है… आज के दिन सोमवती अमावस्या भी मनाई जा रही है… सोमवती अमावस्या का संयोग साल में 2 या 3 बार ही बनता है… इस बार सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने से इसका महत्व और बढ़ गया है… सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है… वहीं सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद भी पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है… सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन सुहागन स्त्रियां पीपल के पेड़ की परिक्रमा करते हुए इसकी भी पूजा करती हैं. कहा जाता है कि पीपल की पूजा और परिक्रमा करने से सभी देवता प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है… सोमवती अमावस्या के दिन पितृदोष की शांति के भी उपाय किए जाते हैं. इसके लिए लोग बरगद, पीपल, तुलसी या फिर आम के पौधे घरों में लगाते हैं. इस साल 3 सोमवती अमावस्या पड़ी हैं और ये इस साल की अंतिम सोमवती अमावस्या है. आज के दिन पूजा-पाठ के बाद दान करना बहुत शुभ माना जाता है… सूर्य ग्रहण के दिन भी दान का बहुत महत्व होता है… शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान किया गया दान राहु, केतु और शनि के गलत प्रभावों को भी सही करता है… सूर्य को शासन, सत्ता और मान-सम्मान का कारक माना जाता है…