अधिकारियों की ट्रान्सफर/पोस्टिंग कराने के नाम पर पैसा ऐठने वाले ठग को एस0टी0एफ0 उत्तर प्रदेश नेे किया गिरफ्तार
दिनांक 21.05.2020 को एसटीएफ उ0प्र0 को ‘‘रा-राजनीति’’ चैनल पर वायरल आडियो क्लिप के सम्बन्ध में उ0प्र0 शासन की एक जांच के क्रम में अधिकारियों के ट्रान्सफर/पोस्टिंग के नाम पर लाखों की ठगी करने वाला शातिर ठग पीयूष अग्रवाल उम्र करीब 30 वर्ष पुत्र स्व0 राज कुमार अग्रवाल निवासी आई-703 के0डब्लू श्रृष्टि अपार्टमेंट,राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
श्री अमिताभ यश, पुलिस महानिरीक्षक, एस0टी0एफ0 उ0प्र0 के निर्देशन में श्री विशाल विक्रम सिंह, प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उ0प्र0 के नेतृत्व में गठित टीम के समक्ष आरोपित पीयूष अग्रवाल कथित दलाल/ठग ने पूछताछ पर बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं डी0डी0 न्यूज का पत्रकार है। वायरल हुई आडियो क्लिप के बारे में स्वीकारोक्ति करते हुये बताया कि इस क्लिप में उसके व कमलेश के मध्य हुई वार्ता है। उसके सोसायटी में रहने वाले गौरीकान्त दीक्षित से उसका पारिवारिक सम्पर्क है, जो धोखाधड़ी के कार्यो में लिप्त रहते हैं। गौरीकान् दीक्षित ने कई धोखाधड़ी के कार्य किये हैं तथा जेल भी गये हैं। गौरीकान्त दीक्षित ने उससे एक आई0ए0एस0 को उपाध्यक्ष, कानपुर नगर विकास प्राधिकरण के पद पर नियुक्ति कराने के लिये कहा था, तब उसने गौरीकान्त दीक्षित से कहा कि इस कार्य हेतु सवा करोड़ रूपये खर्च होगा। इसी सिलसिले में वह गौरीकान्त दीक्षित के साथ एवं अकेले लखनऊ कई बार आया था। गौरीकान्त ने ही कमलेश से मेरी मुलाकात लखनऊ मेें कराई थी। कमलेश एवं उक्त आई0ए0एस0 के रिष्तेदार दोनों बिजनेस पार्टनर हैं।
गौरीकान्त के कहने पर कमलेश दिनांक-02.03.2020 को फोन पर बात करके मुझसे मिले और राजधानी के एक होटल में आकर एक लिफाफे में एडवांस के पन्द्रह लाख रूपया दिया था, जिसमेें से उसी समय दो लाख रूपया कमलेश को दे दिया था तथा दो लाख गौरीकान्त दीक्षित के बैंक खाते में जमा करवा दिया था। शेष 11 लाख रूपये लेकर इटावा होते हुये दिल्ली चला गया था। ट्रान्सफर कराने हेतु हरसंभव प्रयास किया किन्तु लाकडाउन होने के कारण किसी से सम्पर्क नहीं हो सका, जिसके कारण काम नहीं होने पर कमलेश पैसा वापस मांगने लगे। गौरीकान्त दीक्षित से बात हुई। उक्त पैसा गौरीकान्त दीक्षित के साथ मिलकर धोखाधड़ी से किसी को देने के नाम पर लिया था, और यह सोचा था कि अपने सम्पर्को के माध्यम से काम करवा दूंगा। इसी बीच गौरीकान्त को साउथ दिल्ली पुलिस ने किसी मामले में गिरफ्तार कर लिया, जिसमें वह जेल चला गया था, जिसकी जमानत कराने में करीब ढाई तीन लाख रूपये खर्च हो गया। मकान का किराया, बिजली का बिल एवं बच्चों के फीस आदि बकाया थी, जिसका भुगतान इन्हीं रूपयों से कर दिया था तथा शेष बचे हुये रूपये लाॅकडाउन में इधर-उधर खर्च हो गये। काम न हो पाने के कारण कमलेश पैसा वापस करने हेतु दबाव बनाने लगे तथा आपसी विवाद हो गया, तब गौरीकान्त दीक्षित ने उसके व कमलेश के मध्य हुई वार्तालाप का आडियोे पत्रकार के माध्यम से वायरल करा दिया। जांच से गिरफ्तार अभियुक्त पीयूष का पत्रकार डीडी न्यूज का परिचय पत्र भी फर्जी पाया गया।
गिरफ्तार पीयूष अग्रवाल के विरूद्ध थाना विभूतिखण्ड गोमतीनगर लखनऊ में मु0अ0सं0-242/2020 धारा-420,467,468, 471,201,120बी भा0दं0वि0 व 66 आई0टी0 एक्ट पंजीकृत कराया गया। अग्रिम कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।