भारत से बाहर जाने की जुगत में अबू सलेम

मुंबई सीरियल बल ब्लास्ट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम अब भारत से बाहर निकलने के लिए हाथ-पैर मार रहा है. उसने पुर्तगाल की एक अदालत में एक याचिका दायर की है और थोड़े समय के लिए ही सही पुर्तगाल ले जाए जाने की मांग की है.

गौरतलब है कि भारत ने पुर्तगाल से संधि के आधार पर ही अबू सलेम का प्रत्यर्पण हासिल किया है. अबू सलेम ने अपने वकील मैनुएल लुइस फरेरा के जरिए 31 मई को पुर्तगाल की अदालत में यह याचिका लगाई है.

मुंबई में 1993 में हुए श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में आतंकी साजिश रचने के दोषी अबू सलेम को दिल्ली के एक कारोबारी से फिरौती मांगने के जुर्म में भी दोषी करार दिया गया है. अबू सलेम इससे पहले भी भारत से निकलने की कोशिश कर चुका है.

उसने दिसंबर, 2014 में भी पुर्तगाल की एक अदालत में याचिका लगाई थी और कहा था कि उसके प्रत्यर्पण के लिए हुई शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा, इसलिए उसे वापस लिस्बन भेजा जाए.

लेकिन इस बीच भारत सरकार ने भी कार्रवाई तेज कर दी. भारत ने अबू सलेम की पिछली याचिका के संदर्भ में कहा कि चूंकि पुर्तगाल में मौजूद भारतीय राजदूत को डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी मिली हुई है, इसलिए उन्हें इस मामले में गवाही देने की कोई जरूरत नहीं है.

बता दें कि भारत में नियुक्त पुर्तगाल के राजदूत ने हाल ही में तलोजा जेल में अबू सलेम को एक पत्र भेजा है, जिसमें अबू सलेम को आश्वस्त किया गया है कि उसके प्रत्यर्पण की शर्तों का उल्लंघन न हो, इस दिशा सभी कदम उठाए जा रहे हैं.

पुर्तगाल की अदालत में अबू सलेम द्वारा दायर की गई याचिका पर अब भारत, पुर्तगाल के विदेश मंत्रालय और पुर्तगाल के विधि मंत्रालय को 10 दिन में अपना-अपना जवाब देना होगा. सभी पक्षों का जबाव सुनने के बाद ही पुर्तगाल की अदालत तय करेगी कि अबू सलेम की याचिका को स्वीकार किया जाए या नहीं.